देखना न भूले सुपरमून का अद्भुत नज़ारा, 68 साल बाद बना है संयोग
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वैसे तो हर महीने चन्द्रमा धरती के नजदीक आता है लेकिन इस बार की कार्तिक पूर्णिमा की बात ही कुछ ख़ास होगी। 68 साल बाद सोमवार को चांद धरती के सबसे करीब होगा। यह आकार में बड़ा होगा और इस दिन चांद की रोशनी भी 30 फीसदी ज्यादा होगी। बता दें कि जब चांद धरती के ज्यादा नजदीक होता है और ज्यादा चमकीला दिखता है तो इसको आम बोलचाल की भाषा में ‘सुपरमून’ कहा जाता है। वैसे, सुपर मून शब्द का पहली बार प्रयोग करीब 30 साल पहले एस्ट्रोलॉजर रिचर्ड नोएल ने किया था। जब चन्द्रमा 3 लाख 60 हजार किलोमीटर से कम दूरी पर रहता है तब इस सुपरमून कहा जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार इससे पहले इतना चमकीला चांद वर्ष 1948 में ही दिखा था।
-चांद की इस खूबसूरती को निहारने के लिए सूर्यास्त के बाद पूर्व दिशा में करीब आठ बजे के आस-पास देखिएगा। यह अनुमान लगाया गया है कि उत्तरी गोलार्द्ध में सूर्यास्त के बाद चंद्रमा उदित होगा, जबकि दक्षिणी में सूर्यास्त से पहले चंद्रमा उदित होगा। वैसे खगोल शास्त्रियों की माने तो चंद्रमा 14 नवंबर को जब धरती के सबसे करीब होगा तो भारत में दिन के 11 बज कर 22 मिनट हो रहे होंगे।
-दुनिया में जिन जगहों पर उस समय रात होगी, वहां पर चंद्रमा की चमक एक तिहाई ज्यादा होगी। लेकिन घबराइए नहीं भारत में जब शाम को चंद्रोदय होगा तब भी इस की चमक आम पूर्णिमा के मुकाबले तकरीबन 30 फीसदी ज्यादा होगी। इसका आकार भी 14 फीसदी ज्यादा होगा। बता दें कि 14 नवम्बर के बाद यह अद्भुद नज़ारा 25 नवम्बर 2034 और 2052 में दिखाई देगा।
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