वारिआ इंडोनेशिया के ट्रांसजेंडर हैं। पुरुष के रूप में जन्म लेने के बावजूद ये खुद को महिला मानते हैं। इसके बावजूद ये सेक्स चेंज ऑपरेशन नहीं करवाते। इनका मानना है कि ऊपरवाले ने इन्हें पुरुष के रूप में धरती पर भेजा है, इसलिए मृत्यु के बाद यहां से वापस भी पुरुष के रूप में ही जाना चाहिए।
वारिआ लोग भी मजहबी आस्था में पक्के होते हैं। हालांकि मस्जिदों में इन्हें दुविधा का सामना करना पड़ता है कि ये पुरुषों वाली कतार में खड़े हों या स्त्रियों वाली। वैसे, ज्यादातर वारिआ महिलाओं की कतार में ही नमाज पढ़ते हैं।कुछ लोग पुरुषों की कतार में शामिल होते हैं, वे पुरुषों की तरह कपड़े पहन लेते हैं। ये लोग भी बाकियों की तरह रमजान मनाते हैं।
2008 में योग्याकार्ता नामक जगह पर वारिआ लोगों का पहला मदरसा खोला गया था, जहां वे नमाज अदा करने समेत अन्य धार्मिक गतिविधियां करते हैं।
दुनिया के बाकी हिस्सों में थर्ड जेंडर और ट्रांसजेंडर्स के साथ भेदभाव होता है और इंडोनेशिया में भी स्थिति बहुत अलग नहीं है। वहां भी इन्हें अलग नजरिए से देखा जाता है। से देखा जाता है और कई लोग तो पापी भी मानते हैं। लेकिन वहां वारिआ लोगों के साथ कुछ अच्छी बातें भी हैं। इंडोनेशिया के पॉप कल्चर में कई वारिआ को सेलिब्रिटी का दर्जा प्राप्त है।डोर्से गमालामा नामक वारिआ को वहां ओपरा विन्फ्री की तरह माना जाता है। डोर्से ने टीनएज में ही वारिआ के रूप में दुनिया के सामने आने का फैसला ले लिया था।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के जीवन का कुछ हिस्सा इंडोनेशिया के जकार्ता में भी बीता था। इससे जुड़ा एक दिलचस्प फैक्ट यह है कि तब ओबामा की देखभाल करने वाली आया एक वारिआ, एवी थी।