रोमेंटिक फिल्में तो कई बनती है और हर फिल्म प्यार करने का एक नया अंदाज़ सिखा जाती है। अगर देखा जाए तो बॉलीवुड की अधिकतर फिल्मों में प्यार जरूर होता है और इसी प्यार की कहानी यानि लवस्टोरी से हिट होती है पिच्चर। सच कहे तो कई लोगों ने प्यार करना फिल्मों को देखकर ही सीखा होगा। क्या आपको कोई ऐसी फिल्म याद हैं जिसने आपको प्यार करना सिखाया हो।
वैसे तो हर फिल्म प्यार करना सिखाती है और प्यार करने का एक नया तरीका अख्तियार करती है लेकिन जहां तक मुझे याद है मैने अपनी लाइफ में एक ऐसी फिल्म देखी है जो प्यार करने का एक अलग तरीका सिखाती है और वो फिल्म है ‘आशिकी’। भले ही आज की जनरेशन के पास ‘आशिकी2’ हो और उसके गमभरे और प्यारभरे गाने हो लेकिन सालों पहले हमारे पास ‘आशिकी’ थी जिसने लोगों को आशिकी करना सिखाया।
आशिकी का नाम लेते ही बड़े-बड़े बालों वाला एक लड़का और भोली सी दिखने वाली एक लड़की आपको याद आ जाते हैं आपके कानों में इसका म्यूजिक बजने लगता है, क्या करे इस फिल्म का जादू ही कुछ ऐसा है। कोई सबकुछ भूल जाए लेकिन इस फिल्म को एक बार देखकर इसके गाने और स्टोरी कोई नहीं भूल सकता।
1990 के दशक में जब आज की कुछ जनरेशन पैदा भी नहीं हुई थी तब ये फिल्म रिलीज़ हुई थी। फिल्म के गानों में ऐसी कशिश थी कि लोग फिल्म को देखने पर मजबूर हो उठे। हीरो-हीरोइन नए थे लेकिन फिर भी फिल्म सुपरहिट गई। फिल्म के गानों को आज भी इतना याद किया जाता है कि हर प्यार करने वाला दिल इन्हें गा ही लेता है।
फिल्म का गाना धीरे-धीरे से मेरी ज़िन्दगी में आना तो इतना पॉपुलर है कि हनी सिंग ने भी इस गाने को रीमेक कर दिया। इस फिल्म के गानों की तरह ही इस फिल्म के एक्टर राहुल रॉय और एक्ट्रेस अनु अग्रवाल भी हिट हुए थे। दोनों के करियर की ये सुपरहिट फिल्म थी और इस फिल्म ने दोनों एक्टर्स की भविष्य की राहें आसान कर दी थी।
इस फिल्म के ये दोनों कैरेक्टर बॉलीवुड इंडस्ट्री से गायब से हो गए है बहुत ही कम नज़र आते है। एक्ट्रेस अनु अग्रवाल को भी आपने अभी तक बिग बॉस या फिल्मी पार्टियों में ही देखा होगा। अनु अग्रवाल अब 48 साल की हो गई है और उनकी ज़िन्दगी में अभी तक काफी कुछ ऐसा हो चुका है जो भगवान दुश्मन के साथ भी न करें।
11 जनवरी 1969 को जन्मी अनु अग्रवाल को पहला ब्रेक मिला था फिल्म ‘आशिकी’ में और उन्होंने इस फिल्म से सभी को अपना मुरीद बना लिया था। इस फिल्म के बाद उन्होंने गजब तमाशा, खलनायिका, किंग अंकल, कन्यादान और रिटर्न टू ज्वेल थीफ की थी। लेकिन ये फिल्में ज्यादा हिट नहीं हुई।
अनु अग्रवाल को अधिकतर लोग आशिकी गर्ल के रूप में ही जानते है। 1999 में अनु के साथ वो हुआ जो बहुत दुखद था। इस साल उनके साथ एक सड़क दुर्घटना हुई जिसने उनकी ज़िन्दगी को पूरी तरह बदल कर रख दिया। इस हादसे के कारण वे पैरेलाइज्ड हो गई थी। हादसे के 29 दिन वो कोमा में रही और जब होश आया तो वो अपनी याद्दाश्त पूरी तरह भूल चुकी थी।
लेकिन अनु हार मानने वाले लोगों में से नहीं थी। धीरे-धीरे अनु ने रिकवर किया। इसके बाद उन्होंने अपनी पुरानी, धुंधली यादों को ताजा किया। अपनी याद्दाश्त को जानने में सफल होने के बाद उन्होंने अपनी संपत्ति त्याग दी और सन्यास की ओर रूख कर लिया। उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘अनयूजवल : मेमोइर ऑफ ए गर्ल हू केम बैक फ्रेॉम डेड’ के जरिए अपनी ज़िन्दगी के बारे में भी बताया है।
अनु अग्रवाल बॉलीवुड की उस फिल्म की एक्ट्रेस है जिसने प्यार करने के सही तरीके और प्यार के सही मायने को समझाया था। अपनी ज़िन्दगी में इतने बड़े हादसे के बाद आजकल वो मुंबई की झुग्गियों के बच्चों को निःशुल्क योगा सिखाती है। उनका ध्यान अब समाज सुधार की ओर है।