भारत और चीन के बीच मतभेद खत्म होते नजर नहीं आ रहे हैं और चीन को भारत से तनावपूर्ण संबंधों से कुछ खास फायदा भी होने के आसार नहीं लग रहे हैं। लेकिन फिर भी चीनी राष्ट्रपति याी-जिनपिंग मोदी की तारीफ करते हैं। हाल ही में एशिया के लिए वरिष्ठ सलाहकार और थिंक टैंक सीएसआईएस में चाइना पॅावर प्रोजेक्ट के निदेशक ग्लेसर का कहना है कि शी जिनपिंग पीएम मोदी को एक ऐसे नेता के रूप में देखते हैं, जो भारत के हितों के लिए हमेशा खड़े रहते हैं। यहां तक की चीन को रोकने के इच्छुक देशों, खासतौर से अमेरिका और जापान के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं। और मुझ़े लगता है कि इस बात से चीन काफी चिंता में है।
उन्होंने कहा कि शुरूआत में शी-जिनपिंग मोदी से दिल्ली में मिले और मोदी से रिश्ते कायम करने की कोशिश की । उन्हें लगता था कि भारत ऐसी नीति अपनाएगा जो चीन को चुनौती नहीं देगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दक्षिण चीन सागर में उनकी गतिविधियां जारी रखने के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया है।
डोकलाम घटनाक्रम पर हर पल नजर रखी हुई ग्लेसर ने कहा कि – डोकलाम ने भारत और चीन के सैनिक एक महीने से आमने-सामने हैं। भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि चीनी सैनिक के पीछे हटने तक वह भी अपने सैनिक नहीं हटाएगा। दोनों के बीच मतभेद और तनाव का कोई लाभ होता नहीं दिख रहा है। दोनों देशों के बीच लंबी सीमा साझा है।
बता दें कि चीन ने भारत भूटान चीन सीमा के पास सड़क निर्माण शुरू किया था। जिसका निर्माण कार्य भारतीय सैनिकों ने रूकवा दिया था। इसके बाद से 16 जून से ही डोकलाम में भारत और चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि चीन भारत को सबसे बड़ी उभरती शक्ति के रूप में देखता है। जो भविष्य में जाकर उसके लिए चुनौतियां पेश कर सकता है। उन्हेंाने यह भी कहा कि दुनिया में भारत ही एक ऐसा इकलौता देश है चीन के वन बेल्ट एंड वन रोड पहल का स्पष्ट रूप से विरोध करता है।