अमरनाथ यात्रा से भी कठिन है, इस शिव-धाम के दर्शन
इस शिव स्थल में भगवान शिव के शिवलिंग को श्रीखंड महादेव के नाम से जाना जाता है। श्रीखंड महादेव के 72 फीट ऊंचे शिवलिंग के दर्शन करने श्रद्धालु यहां आते हैं। श्रीखंड महादेव की यात्रा इतनी कर्मठ है कि वहां पहुंचना बड़ा ही कठिन है। विशेष तौर पर सावन के महीने में हजारों की संख्या में श्रद्धालु मस्ती में झूमते हुए और बम भोले के जयकारे लगाते हुए वहां दर्शनों के लिए जाते हैं। हिमाचल में कुल्लू जिले में श्रीखंड महादेव मंदिर है! ये मंदिर करीब 18,300 फुट उचाई पर स्थित है! यहाँ पर विश्व से धार्मिक यात्रा करने लोग जगह जगह से आए है।
ये 15 वर्ष से देश के हर एक कोने से लोग दर्शन करने पहुँचते है। बता दे इस मंदिर के लिए 25 किलोमीटर की सीधी चढाई यानि अग्नि परीक्षा देनी पड़ती है। जब इस यात्रा में काफी लोगो की मौत भी हो गई है। श्रीखंड यात्रा में अठारह हजार तीन सौ फुट की ऊंचाई पर साँस लेने के लिए ऑक्सीजन की कमी है। इस बीच लगभग एक दर्जन से अधिक धार्मिक और देव शिलाएं है। इस मंदिर की एक कथा भी है इसके अनुसार एक बार जब भस्मासुर राक्षस ने शिव जी की तपस्या से वरदान प्राप्त किया जिसमे उसने ये वरदान माँगा की मैं जिसके ऊपर अपना हाथ रखूँगा वो भस्म हो जाये। इसके चलते ये राक्षशी होने के कारण इसने पार्वती माता से शादी करने की मन में ठान ली और शिव जी को भस्म करने की! और तभी शिव जी इससे बचने के लिए इस श्रीखंड में आ छुपे थे।
लेकिन भगवान विष्णु ने इसकी इच्छा को ख़त्म करने के लिए माता पार्वती का रूप लेकर और भस्मासुर को अपने साथ नृत्य करने के लिए राजी किया। इस नृत्य के समय भस्मासुर का हाथ खुद के सिर पर रख लिया और वो भस्म हो गया। यहाँ आज भी मिटटी और पानी दूर से लाल ही दिखाई देते है।इस मंदिर में शिव ही के दर्शन के लिए जाते समय कई प्रकतिक शिव गुफा, निरमंड में सात मंदिर, जावों में माता पार्वती सहित नौ देवियां, दक्षिणेश्वर महादेव, हनुमान मंदिर अरसु, परशुराम मंदिर, सिंहगाड़, जोतकाली, बकासुर बध, ढंकद्वार व कुंषा आदि स्थान आते हैं। जबकि यहाँ तक पहुँचने के लिए 35 किलोमीटर की बहुत ही कठिन चढ़ाई है, जिस पर कोई खच्चर घोड़ा भी नहीं चल ही नहीं सकता।
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