कभी भी गुल हो सकती है आपके घरों की बिजली, जानिए कैसे
- - Advertisement - -
कई बार जब हम घर या ऑफिस में कोई ज़रूरी काम कर रहे होते हैं और अचानक लाइट चले जाती है तो हम परेशान होने लगते हैं। हालांकि यह परेशानी तो थोड़ी देर के लिए ही होती है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यदि आपकी घर की बिजली पर ज़्यादा समय के लिए गुल हो जाएं तो। दरअसल, हाल ही में बिजली सेक्टर से जुडे़ इक्वीपमेंट्स बनाने वाली भारतीय कंपनियों ने एक ऐसे ही संभावित खतरे की ओर सरकार का ध्यान दिलाया है। कंपनियों ने आशंका जताई है कि देश में बिजली का ट्रांसमिशन नेटवर्क हैक हो सकता है। यह खतरा बिजली सेक्टर में बढ़ती चीनी कंपनियों की दखल और SCADA सिस्टम से हुआ हैं।
SCADA क्या है?
SCADA (Supervisory control and data acquisition) एक कम्प्यूटर आधारित सिस्टम है, जिसकी मदद से कंपनियां बिजली की सप्लाई ऑटोमैटिक तरीके से कंट्रोल करती है। यह सिस्टम ग्रिड में डिमांड और सप्लाई के बीच संतुलन बनाने के लिए होता है। भारतीय कंपनियों की चिंंता की वजह भी यहीं से शुरू होती है।
दरअसल SCADA से जुड़े समझौतों के तहत उसके कलपुर्जों की मरम्मत करना भी शामिल है। मरम्मत के दौरान समझौता करने वाली कंपनियों को अपने लोग भी वहां पर तैनात करने होते हैं। ऐसे में SCADA सिस्टम की वजह से कम्प्यूटर बग डाले जाने की आशंका बढ़ जाती है। बता दे कि देश में ज्यादातर हिस्सों में चीनी कंपनियों ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए है। हाल ही में राजस्थान, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी के 18 शहरों में SCADA से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट भी चीन के कंपनियों को मिला है।
इसी आशंका को लेकर इंडियन इलेक्ट्रिकल इक्वीपमेंट मैन्युफ़ैक्चर असोसिएशन के डायरेक्टर जनरल सुनील मिश्रा ने एक पत्र ऊर्जा मंत्री को लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि कनेक्टेड सिस्टम में इक्विपमेंट्स आपस में आंकडो और इन्फर्मेशन का आदान-प्रदान करते है। जिससे सिस्टम को बेहतर बनाया जा सके। हालांकि, इससे सिस्टम को संदिग्ध लोगों, कंपनियों या देशों जो अपने फायदे के लिए इसका इस्तेमाल कर सकती उनसे से खतरा होने की आशंका है।
हैक हो है चुका SCADA सिस्टम
बता दें कि बिजली के वितरण नेटवर्क की हैकिंग पर आश्चर्य नहीं किया जाना चाहिए। ऐसे मामले अब दुनिया के सामने आने लगे हैं। सबसे पहला उदाहरण उक्रेन का है जहां पर 23 दिसंबर 2015 को पश्चिमी यूक्रेन का एक ग्रिड कंट्रोल रूम और पावर बैकअप सिस्टम हैक हो गया था। करीब 30 सब स्टेशन ग्रिड से कट गए थे। इसकी वजह से यूक्रेन के करीब 2 लाख 30 हजार लोगों को बिना बिजली के कई घंटे बिताने पड़े।
- - Advertisement - -