बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह बॉलीवुड से लेकर धर्म के मैदान में हर जगह फेमस हैं। इन दिनों वे अपनी आने वाली फिल्म ‘जट्टू इंजीनियर’ के प्रमोशन में लगे हुए हैं। लगभग एक महीने पहले यूट्यूब पर इसका चार मिनट लंबा ट्रेलर रिलीज किया गया था जिस पर अभी तक 50 लाख से ज़्यादा व्यू हो चुके हैं। इस बार की मूवी में बाबा कॉमेडी करते नज़र आएंगे लेकिन उनके बारे में हाल ही में एक ख़बर सुनने में आई जो काफी अजीब साउंड करती है।
बाबा गुरमीत को लोग डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के रूप में भी जानते हैं। इन्हें द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित करने की बात चल रही है। इसके लिए इनकी ओर से आवेदन भी दिए जा चुके हैं। एक बात तो आप सभी जानते होंगे कि द्रोणाचार्य अवार्ड को स्पोर्ट्स में बेहतरीन प्रदर्शन और मागर्दशन के लिए दिया जाता है। ये देश के उन कोच को मिलता है जिनके कारण देश का नाम उंचा हुआ हो।
बाब गुरमीत तो फिल्मों में आते हैं, धर्मगुरू है तो इन्हें ये अवार्ड क्यों दिया जाए। मेरे दिमाग में भी ये सवाल काफी हथौड़े मारने लगा। थोड़ा फिर गूगल पर सर्च किया और हर बार की तरह गूगल के पास इस बात का भी जवाब है। लेकिन ख़बरों से पता चला है कि अभी सिर्फ इसकी सिफारिश ही की गई है अभी ये अवार्ड पूरी तरह से बाबा गुरमीत का हुआ नहीं है।
योग फेडरेशन ऑफ इंडिया (वाईएफआई) ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख की फिल्म ‘मैसेंजर ऑफ गॉड’ और ‘जट्टू इंजीनियर’ के लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित करने की सिफारिश की है। वाईएफआई ने ‘विश्व चैंपियन योगी’ बनाने के लिए पिछले महीने खेल मंत्रालय को उनका नाम भेजा था। वाईएफआई के अध्यक्ष अशोक कुमार अग्रवाल ने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को कहा कि सिंह के प्रशिक्षु नीलम और करमदीप ने पिछले साल विश्व और एशियाई कप में पदक जीता था, जिस वजह से उनका नाम खेल मंत्रालय को भेजा गया है।
अग्रवाल ने कहा, “खेल में उनका योगदान काफी सराहनीय रहा है। उन्होंने कई योग सितारों को तराशा है, जो विश्व और एशियाई चैंपियनशिप में अपना दमखम दिखाए हैं। इसलिए खेल मंत्रालय की नीति के अनुसार उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए के लिए सम्मानित करने स्तर सहित कई अंतरराष्ट्रीय योग सितारों को जन्म दिया है। इसलिए खेल मंत्रालय की नीति के अनुसार हमने पिछले महीने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए उनके नाम की सिफारिश की थी।”
बता दें कि सिंह को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए भी सिफारिश की गई है। उनके नाम की सिफारिश दो कोचों के लिए की गई है, जिन्होंने 20 साल की अवधि में उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पहचान दी। सिंह के प्रवक्ता डॉ आदित्य इंसान ने कहा कि सिरसा में उनकी संस्था 1998 के बाद से लगातार खिलाड़ियों की सहायता कर रही है। वहीं ‘शाह सतनाम जी फाउंडेशन’ द्वारा चलाए जा रहे स्कूल, कॉलेजों और संस्थानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खत्म कर दिया गया है। इसे सिर्फ संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी ही देख रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा, “विराट कोहली, शिखर धवन, अमित मिश्रा, जहीर खान, यूसुफ पठान, आशीष नेहरा, प्रवीण कुमार, जोगिंदर शर्मा और अनगिनत राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों ने यहां टूर्नामेंट खेला है और वे सभी यहां बहुत खुश थे।”
खेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि पुरस्कार समिति कुछ ही हफ्तों में अपना अंतिम निर्णय ले लेगा। मंत्रालय ने दो साल पहले ‘प्राथमिक खेल’ की सूची में योग को भी शामिल किया था। हालांकि, पिछले साल दिसंबर में इस नियम को बदल दिया गया था, उस समय फेडरेशन को कुछ अड़चनें आ रही थी मंत्रालय की नीति के अनुसार द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नामांकन केंद्र सरकार, भारतीय ओलंपिक संघ, खेल संवर्धन और नियंत्रण बोर्ड और राज्य सरकार / केंद्र शासित प्रदेश के सरकारों द्वारा, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघों से स्वीकार किए जाते हैं। पुरस्कार के लिए पात्र होने के लिए एक कोच को पुरस्कार दिए जाने वाले साल से पहले चार वर्षों की अवधि में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करनी चाहिए। योग खेल के लिए वाईएफआई ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया है कि यह भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त है। हमारा कर्तव्य नाम सुझाना था। बाकी खेल मंत्रालय पर निर्भर करता है कि वह पुरस्कार दे या फिर न दे।