एक ओर पूरे देश में ईद-उल-फितर का जश्न है, वहीं दूसरी ओर लोगों में इससे जुड़ी बातें जानने का खासा उत्साह। ऐसे में आपका मध्य प्रदेश के भोपाल में दुनिया की सबसे छोटी ढाई सीढ़ी मस्जिद के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
एशिया की सबसे छोटी मस्जिद ‘ढाई सीढ़ी’ यही हैं। किला फतेहगढ़ के बुर्ज के ऊपरी हिस्से में करीब 300 साल पहले भोपाल शहर के संस्थापक दोस्त मोहम्मद खान ने बनवाई थी, ताकि बुर्ज पर मौजूद सिपाही पहरेदारी के ही दौरान नमाज पढ़ सकें। यहां दो बुर्ज थे, दोस्त मोहम्मद खान के कहने पर पहरेदारों ने इस बुर्ज पर छोटी सी मस्जिद बनाई। चूंकि पहरेदार कुशल कारीगर नही थे इसलिए वो दो सीढ़ी सही बना सके और तीसरी सीढ़ी पर एक ही ईंट रख सकें तब से इसका नाम ढाई सीढ़ी मस्जिद हो गया।
भोपाल साधारण बनावट वाली ढाई सीढ़ी मस्जिद एक बुर्ज पर पश्चिमी दिशा में स्थित है। इस मस्जिद तक पहुंचने के लिए ढाई सीढ़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसे इस नाम से पुकारा जाता है। शायद आप मानेंगे नहीं, यहां कमरे भी ढाई हैं।
इसके निर्माण की कहानी बेहद उम्दा है। फतेहगढ़ किले की सुरक्षा के लिए तैनात फौजियों के यहां नमाज अदा करने के बाद वर्ष 1716 से यह अस्तित्व में आई। इसके बाद से यह बदस्तूर जारी है। खबरों की मानें तो यह भोपाल की पहली मस्जिद है। बता दें भोपाल में सोमवार को ईद-उल-फितर की तैयारियां जोरों पर हैं। रविवार की शाम को शहर काजी ने मोती मस्जिद बगिया से चांद दिखने के बाद ही ईद का ऐलान किया तो लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई।