आज जिस जगह बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन हैं वहां किसी और का पहुंचना मुश्किल-सा लगता है। आए दिन फिल्मों में कई एक्टर्स आते हैं पर चल नहीं पाते। एक दौर ऐसा भी था जब अमिताभ बच्चन फिल्म इंडस्ट्री में आए थे और संघर्ष करके इस मुकाम पर पहुंचे है। लेकिन उन्हीं के साथ एक और एक्टर था जो उन्हें बराबर की टक्कर दे रहा था। वो एक्टर अगर अपनी ज़िन्दगी में सिर्फ एक गलती नहीं करता तो आज अमिताभ की जगह शायद बॉलीवुड में उसका नाम होता। हम बात कर रहे हैं विनोद खन्ना की, जो एक समय अमिताभ के प्रतिद्वंदी हुआ करते थे। हम आपको उन्हीं के बारे में ख़ास बातें बताने जा रहे हैं।
विनोद खन्ना का जन्म 6 अक्टूबर 1946 पेशावर (पाकिस्तान) में हुआ था। बचपन में विनोद खन्ना काफी शर्मीले स्वभाव के थे। बचपन में स्कूल के दौरान एक टीचर ने उन्हें एक नाटक में जबरदस्ती उतार दिया था। उस समय उन्हें विनोद खन्ना की एक्टिंग काफी पसंद आई। इसके बाद जब वे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे तब उन्होंने ‘मुगल-ए-आज़म’ और ‘सोलवां साल’ जैसी फिल्में देखीं जिन्होंने उन पर गहरा असर छोड़ा।
कॉलेज के दिनों में विनोद खन्ना काफी हैंडसम दिखते थे। उन दिनों उनके कॉलेज की लड़कियों ने उनसे फिल्मों में अभिनय करने के लिए कहा। उन दिनों शायद विनोद खन्ना के लिए किस्मत की बात कहें, उनकी मुलाकात एक पार्टी में निर्माता और निर्देशक सुनील दत्त से हुई। सुनील दत्त उन दिनों फिल्म ‘मन का मीत’ के लिए एक नए चेहरे की तलाश कर रहे थे। इस फिल्म में वे अपने छोटे भाई सोमदत्त को उतारने की सोच रहे थे। विनोद खन्ना से मुलाकात के बाद सुनील दत्त ने उन्हें विलेन का रोल ऑफर किया। जिसे विनोद खन्ना ने स्वीकार कर लिया। नेक्सट पेज पर पढ़ें- पिता ने तान दी बंदूक