ब्रिटेन की ब्रोकरेज फर्म एचएसबीसी ने दावा किया है कि अगले 10 सालों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है। इस इकोनॉमी की दौड़ में जापान और जर्मन भी भारत से आगे है। एचएसबीसी ने दावा किया है कि इसके लिए भारत को लगातार रिफॉर्म्स पर काम करना होगा साथ ही सोशल सेक्टर पर ज्यादा ध्यान रखना होगा। आज की तारीख में विकास उस हिसाब से नहीं है जैसा होना चाहिए जैसे की भारत को हेल्थ, एजूकेशन सेक्टर में भी निवेश बढ़ाना होगा। इस रिपोर्ट के माध्यम से भारत की पॉपुलेशन में यूथ की संख्या ज्यादा होना और मैक्रो स्टेबिल्टी का महत्वपूर्ण बताया गया है। एचएसबीसी ने दावा किया कि भारत जर्मनी से नॉमिनल यूएसडी के हिसाब से आगे निकल जाएगा।
इस साल भारत की जीडीपी 7.1 फीसदी रहेगी
नोटबंदी और जीएसटी के चलते भारत की इकोनॉमी इस साल 7.1 फिसदी की दर से बढ़ेगी, रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा दावा किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि भारत तेजी से सुधार के रास्ते पर है। जिस तरह से रोजगार बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई जा रही है, जीएसटी में भी कई तरह के विकल्प युवाओं के लिए खोले है ताकि रोजगार पैदा हो सके।
2028 में 7 ट्रिलियन की इकोनॉमी होगा भारत
रिपोर्ट के मुताबिक बताया गया कि भारत 2028 तक 7 ट्रिलियन (7 लाख करोड़ डॉलर) की इकोनॉमी होगा, और उस वक्त जर्मनी 6 ट्रिलियन डॉलर और जापान 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी होगा। भारत इस वक्त दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है। इस समय भारत 2.3 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी है।
चीन से अलग है भारत
रिपोर्ट के मुताबिक भारत की स्थिति चीन से काफी अलग है। चीन एक एक्सपोर्ट बेस्ड इकोनॉमी है। वहीं दूसरी ओर भारत में 55 करोड़ कस्टमर्स का बाज़ार है, जो काफी महत्वपूर्ण कारण है।
ई-कॉमर्स सेक्टर में 1 करोड़ से ज्यादा जॉब
रिपोर्ट के मुताबिक जॉब लेस ग्रोथ की चिंता के बीच ई-कॉमर्स कंपनियां 1.2 करोड़ जॉब देंगी। जो कुछ मांग 2.4 करोड़ के आधे के बराबर है। इसके अलावा सबसे ज्यादा जॉब हेल्थ और एजुकेशन सेक्टर में आएंगे।