रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार के बीच 2017 में संपन्न हुआ यह आज तक सबसे रोचक और प्रचारित प्रसारित राष्ट्रपति चुनाव है, जिसके परिणाम घोषित हो चुके हैं और देश को अपने 14 वे राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद के रूप में मिल गए हैं। 17 जुलाई 2017 को संपन्न राष्ट्रपति चुनाव में वोटों का जो गणित था, उससे समझने में किसी को भी मुश्किल नहीं हो रही थी कि ये राष्ट्रपति चुनाव एक तरफ़ा जा रहा है और बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले रामनाथ कोविंद ही राष्ट्रपति बनेंगे और परिणाम सभी के सामने हैं। आपको बता दें कि रामनाथ कोविंद को कुल 66 प्रतिशत वोट मिले तथा विपक्षी पार्टी की प्रत्याशी मीरा कुमार को 34 प्रतिशत वोट ही मिले। कोविंद ने इस चुनाव में मीरा कुमार से दोगुने वोट जीते। उन्हें कुल 7,02,044 वोट मिले.
हमारे देश के नए राष्ट्रपति माननीय रामनाथ कोविंद के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य के बारे में जानते हैं:-
रामनाथ कोविंद पहली बार-
रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश से आने वाले देश के पहले राष्ट्रपति हैं। उत्तर प्रदेश से देश में कई प्रधानमंत्री हुए हैं, लेकिन राष्ट्रपति अभी तक कोई नहीं बना है।
रामनाथ कोविंद ऐसे राष्ट्रपति हैं जो पहली बार बीजेपी के उम्मीदवार होने के नाते अपने दम पर राष्ट्रपति चुने गए हैं।
रामनाथ कोविंद, डॉ. के. आर. नारायणन के बाद देश के दूसरे दलित वर्ग से आने वाले राष्ट्रपति होंगे,
रामनाथ कोविंद रानीतिज्ञ न होते तो क्या होते-
राम नाथ कोविंद ने अपनी स्नातक डिग्री वकालत में ली थी और वो सिविल सर्विस में जाना चाहते थे। स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद रामनाथ कोविंद दिल्ली गए परीक्षा की तैयारी के लिए और सिविल सर्विसेस परीक्षा दी। पहले और दूसरे प्रयास में नाकाम रहने के बाद तीसरी बार में उन्होंने कामयाबी हासिल की, लेकिन उन्होंने इस सफलता को ठुकरा दिया। कोविंद ने आईएएस जॉब इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि मुख्य सेवा के बजाय उनका एलाइड सेवा में चयन हुआ था। इसके बाद रामनाथ कोविंद ने वकालत में ही आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
1 अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की, तहसील डेरापुर के एक छोटे से गाँव परौंख में जन्मे कोविंद ने 16 साल सुप्रीम कोर्ट में वकालत की और उसके बाद राजनीति में आए। वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद, वे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई के निजी सचिव भी रहे।
रामनाथ कोविंद, सन् 1991 में बीजेपी से जुड़े और उच्च सदन राज्यसभा में 12 वर्ष तक बीजेपी का प्रतिनिधित्व किया। वर्ष 1994 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए और फिर 2015 में अचानक बिहार के राज्यपाल के रूप में उनके नाम की घोषणा हुई और वह बिहार के राज्यपाल बने।
राम नाथ कोविंद कभी 30 रुपए देकर किराए के मकान में रहा करते थे और आज देश के राष्ट्रपति हैं। रामनाथ कोविंद बहुत ही सादगी भरे व्यक्तित्व के धनि है। वो साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आते हैं। रामनाथ कोविंद 2005 में कानपुर आये थे और 12 साल किराए के मकान में रहने के बाद राम नाथ कोविंद ने कल्याणपुर इलाके में इंद्रानगर के दयानन्द विहार में अपना माकन बनवा लिया और वहां रहने लगे जिसे बाद में उन्होंने बारातशाला के रूप में दान कर दिया था। समय के साथ रामनाथ कोविंद राजनीति और कामकाज में मशगूल होते गए और उन्हें दिल्ली में ही ज्यादा वक्त गुज़ारना पड़ता था लेकिन कानपुर के लोगों के दिलों में उनकी अमिट छाप आज भी देखी जा सकती है।