सावधान! डिजिटल इंडिया सेफ नहीं, ठगी का धंधा जोरों पर
नोटबंदी की नकारात्मकता को परे करने के लिए “डिजिटल इंडिया” नामक सकारात्मकता को खूब हवा दी गई, लेकिन मोदी सरकार यह भूल गई बैंकों जैसी बड़ी-बड़ी संस्थाएं जहाँ, साइबर क्राइम से जुड़े शातिरों से गच्चा खा जाती है, अच्छे खासे प्रशिक्षित लोग इनके कारनामें देख दातों तले उंगलियां दबा लेते हैं, तो देश की ये भोली भाली जनता “डिजिटल इंडिया” को कैसे पार पा पाएगी. आइये इन कुछ घटनाओं से सेफ रहने का सबक लें :-
ई-कामर्स कंपनियों के जरिये फर्जी बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान
गुजरात में अहमदाबाद स्थित उपभोक्ता शिक्षण और शोध संबंधी एक प्रमुख गैर सरकारी संस्था कन्ज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेटर (CERC) ने ई-कामर्स कंपनियों के जरिये ऑनलाइन फर्जी वस्तुओं की बिक्री के अनैतिक मामलों पर लगाम कसने के लिए एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।
मामला न.1
CERC की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि गत मार्च में अमेज़ॉन के जरिये एक नामी गिरामी बहुराष्ट्रीय कंपनी के काजल की बिक्री की गई थी, पर उत्पाद फर्जी पाया गया। अमेज़ॉन ने मात्र सात शिकायतकर्ताओं के ही पैसे लौटाये जबकि ऐसे कुल 340 काजल अमेज़ॉन पर रजिस्टर्ड उस विक्रेता ने बेचे थे।
फर्जी प्रोडक्ट से पीड़ित अपनी शिकायते भेजें
बयान में आगे कहा गया कि यह अभियान रसूख वाली इन कंपनियों के ऐसे मामलों पर रोक लगाने में मदद करेगा। संस्थान ने उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से भी ऐसे मामलों पर लगाम के लिए सही नीति बनाने की गुजारिश की है। इसने ऐसे लोगों से भी अपनी शिकायते भेजने का आग्रह किया है, जिन्हें ई-कामर्स कंपनियों के जरिये फर्जी उत्पाद बेचे/भेजे गए हैं।
मध्यप्रदेश : पुराने मोबाईल की खरीदी का मामला, हजारों ठगे
वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस की साइबर क्राइम शाखा के पास OLX पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर हजारों रुपए की ठगी का एक मामला पहुंचा है। यह ठगी पेटीएम गेटवे के माध्यम से की गई थी। इसके बाद से ही साइबर क्राइम पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। साथ ही किसी भी सामान को खरीदते वक्त उसका पेमेन्ट अपने सामने करने और फोन पर अपने खाते से संबंधित जानकारी किसी भी व्यक्ति को न देने की एडवाइजरी पुलिस द्वारा जारी की गई है।
यह है मामला न.2
साइबर क्राइम पुलिस मुख्यालय में फरियादी रामनिवास राठौर ने लिखित आवेदन में बताया कि उन्होंने OLX वेबसाइट पर एक फोन देखा, जिसके बाद उनकी फोन पर कासम नाम के व्यक्ति से बात हुई। दोनों के बीच मोबाईल की 6000 रु. कीमत तय हुई। उस व्यक्ति ने पेटीएम के माध्यम से पैसे भेजने और मैंसी कोरियर द्वारा मोबाईल पहुंचाने की बात कही, इस पर फरियादी ने पैसे भेज दिए। इसके बाद मोबाईल नहीं आने पर फरियादी ने दोबारा उस व्यक्ति से बात की, तो उसने कोरियर वाले के नंबर पर बात करने को कहा।
लगातार चार बार रूपए मतरे
आवेदक ने कोरियर वाले के मोबाईल पर फोन लगाया तो उस कथित कोरियर वाले ने अपना पर्स चोरी होने का हवाला देते हुए कहा कि उसके मोबाईल नंबर पर 1000 रू. का पेटीएम करवाने पर ही कोरियर देने आ सकेगा। इसके बाद भी फरियादी के पास कोरियर नहीं आया। इस पर उसने दोबारा कासम को फोन लगाया, जिसने दोबारा उससे झांसे से डेढ हजार और बाद में सात हजार रुपयों की ठगी कर ली। आवेदक के मुताबिक इतनी ठगी के बाद से उसने अपना मोबाइल बंद कर लिया।
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