वार्ता | हर दिन महंगाई के चलते इसका असर सिर्फ दैनिक जन जीवन पर ही नहीं बल्कि अब त्यौहारों में भी नज़र आ रहा है। आज से दस दिन बाद हम दशहरा मनाएंगे। लेकिन असत्य पर सत्य एवं बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा पर्व पर दहन के लिए राजस्थान सहित कई स्थानों पर जहां बरसात एवं महंगाई के कारण रावण एवं उसके कुनबे के विभिन्न प्रकार के पुतले कम बन रहे है वहीं सरकार की अनदेखी एवं मदद के अभाव में पिछले चालीस सालों से इस व्यवसाय में लगे लोगों के जीवन स्तर में कोई सुधार नहीं आया हैं।
जयपुर के न्यू सांगानेर रोड स्थित मेट्रो स्टेशन के पास स्थित रावण मंडी में इन पुतलों को विभिन्न आकार देने में जुटे जोगी समाज के अध्यक्ष जगदीश महाराज ने बताया कि इस बार दशहरा पर लोगों को आकर्षित करने के लिए घूमने वाला रावण का पुतला तैयार किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि जयपुर में तीस फुट ऊंचा घूमने वाला रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। पुतले में लम्बी मूंछे, चमकदार मुंह तथा आंखों में रोशनी दिखेगी। इसकी कीमत करीब अस्सी हजार रुपए होगी।
उन्होंने बताया कि हालांकि घूमने वाला 125 फुट ऊंचा रावण का पुतला भी बनाया जा रहा है जो सूरत के पास बिली मोहरा में दहन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इसका केवल मुंह तीस फुट तथा नाक चार फुट की होगी। इसकी कीमत ढाई लाख रुपए होगी। उन्होंने बताया कि इसे बनाने के लिए मध्यप्रदेश के रतलाम के पास मारु पीपलिया से कारीगर बुलाये गये हैं। पुतले बनाने के विशेष कारीगर कालू महाराज के नेतृत्व में पचास लोगों को बुलाया गया हैं। इस पुतले को चारो और घूमाने के लिए इसकी गर्दन में चालीस हजार रुपए की स्प्रींग लगाई जायेगी। इसे आठ हिस्सो में तैयार किया जा रहा हैं।
श्री महाराज ने बताया कि जयपुर में बापू बाजार के लिए 75 फुट, वैशाली के लिए 65, मानसरोवर 51 तथा चौमूं में दहन करने के लिए 51 फुट ऊंचे रावण के पुतले तैयार किये जा रहे हैं। इसी तरह जयपुर में दो.ढाई फुट से लेकर 25.30 फुट ऊंचे हजारों पुतले तैयार किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार बरसात एवं मंहगाई के कारण कम पुतले तैयार किये जा सकेंगे। अब तक रावण मंडी में करीब दो हजार पुतले तैयार किये जा रहे हैं। हालांकि दशहरा के अभी लगभग दस दिन बचे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष मंडी दशहरा पर छोटे बड़े करीब दस हजार पुतले तैयार किये गये थे। इस बार जयपुर में अब तक करीब पांच हजार पुतले तैयार किये जा रहे हैं।