आम बजट नोटबंदी के सर्जिकल पर चुनावी मल्हम
आज आम बजट 2017 वित्त मंत्री द्वारा सदन में पेश किया गया। जैसा कि पूर्वानुमान था वही सब कुछ हुआ। नोटबंदी की सर्जिकल की विफलता के बाद उम्मीद की जा रही थी सरकार आम बजट में अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए मजबूत कदम उठाएगी और वह भी तब जब 5 राज्यों के महत्वपूर्ण चुनाव चल रहे हैं किन्तु सरकार ने महज चुनावी मल्हम लगाकर बजट को पूरा कर दिया। नोटबंदी की सर्जिकल पर महज थोड़ा सा मल्हम, ऊंट के मुंह में जीरे के समान नज़र आ रहा है। विकास के लिए ठोस कदम तो बस जुमले बनकर रह गए।
सरकार द्वारा 50 दिन की इतनी बड़ी नोटबंदी की सर्जिकल की गई थी कि पूरा देश हिल गया, उसका इकोनॉमी पर बड़ा असर पड़ा था। विकास तो मानों थम सा गया, जिस वजह से वह किया गया था वह तो नासूर बन अभी तक सर उठाए है। बीमारी खत्म नहीं हुई किन्तु ऑपरेशन बड़ा घाव दे गया। सरकार भी समझ गई कि हमारा ऑपरेशन फेल हो गया। ठीक है जल्दबाज़ी में लिया गया कदम था, फेल हो गया, किन्तु लोगों को उम्मीद थी कि सरकार इस बात को समझ इससे उपजे घाव पर अच्छे से ड्रेसिंग करेगी, ताकि घाव जल्द भर सके। जनता की यह उम्मीद गलत भी नहीं थी, 5 राज्यों में चुनाव के रूप में वक्त ने भी साथ दिया किन्तु सरकार इस मौके को भी चूक गई और बजट से बड़ी ड्रेसिंग करने की बजाए मलहम लगा कर छोड़ दिया। अब ये सरकार का अहंकार है या यू कहे कि सरकार नोटबंदी के सर्जिकल को अपनी विफलता नहीं सफलता मान रही है।
वक्त की मांग है कि सरकार देश की अर्थव्यवस्था को और हर नागरिक को तेजी से बढ़ाने व विकास को नए आयाम देकर भारत को विश्व पटल पर अंकित करे। इस बजट में ऐसा कुछ नज़र ही नहीं आ रहा है जो कुछ भी छूट या थोड़े ज़्यादा बजट का प्रावधान आ रहा है वह बस इस चुनाव भर को आकर्षित करने तक ही सीमित है। बड़े बिजनेस रिफर्म्स, युवाओं के लिए नौकरियां, किसी सेक्टर को बूम देने जैसा कुछ भी नहीं है। बस है तो इन सबके लिए बड़े जुमले। जो भी छूट, फिर चाहे इनकम टैक्स की हो या सरचार्ज में कमी वह अच्छी तो है किन्तु बस थोड़े बहुत खर्च को कम करने की है। आय को बढ़ाने, बाजार में उत्साह लाने जैसा कुछ भी नहीं है। बस चुनावी लॉलीपॉप लग रहा है। सरकार अपना एक बड़ा मौका चूक गई। वह चाहती तो देश की जनता के दुखों के साथ कदमताल करती साथ खड़ी नज़र आ सकती थी। लगता है सरकार चुनाव बाद कुछ कदम उठाएगी, किन्तु वह चुनाव परिणाम पर निर्भर करता है कि ऊंट किस करवट बैठता है।
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