सेंसर बोर्ड हमेशा से ही फिल्मों के सीन को काटने-छांटने जैसे मुद्दों को लेकर चर्चा में रहता हैं पर सभी मूवी पर कैंची चलाना लोगों के दिमाग से परे है। पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी को जनवरी 2015 में सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। निहलानी के संस्कारी कैंची का शिकार हर मूवी को होना पड़ा। कभी किसी फिल्म के प्रोमो में नज़र आए गाय, पंजाब जैसे शब्द को हटाने की बात हो या किसी फिल्म के सीन से लेकर मूवी टाइटल को काटने की बात, उनकी संस्कारी कैंची से कोई नहीं बच पाया है। शुक्रवार को पहलाज निहलानी को सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष बोर्ड पद से हटा दिया गया है, और उनकी जगह अब एड गुरू और गीतकार प्रसून जोशी को नया अध्यक्ष बनाया गया है। यहां कुछ फिल्मों का जिक्र है जिन पर पहलाज निहलानी द्वारा कैंची चलाई गई थी –
एन एच 10
शुरूआत में बोर्ड ने इस फिल्म को बैन कर दिया, फिर बाद में इसमें 9 कट लगाए और सर्टिफिकेट ए के साथ इसे रिलीज किया गया ।
उड़ता पंजाब
पहलाज निहलानी ने इस मूवी में 89 कट्स लगाए थे, जिसके बाद इसे टाइटल समेत पूरी फिल्म से पंजाब शब्द को हटाने की बात कही थी। यह अनुराग कश्यप की फिल्म थी।
लिपस्टिक अंडर माय बुर्का
निहलानी जी ने इस फिल्म को असंस्कारी ही घोषित कर दिया था। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को भारत में बैन कर दिया था। लेकिन कोर्ट के दखल देने के बाद इस फिल्म को रिलीज किया गया ।
बॉम्बे वेलवेट
बैन शब्दों की लिस्ट के अनुसार निहलानी चाहते थे कि इस फिल्म के टाइटल से बॉम्बे शब्द हटा दिया जाए पर बाद में ऐसा कुछ नहीं हुआ था।
बदलापुर
वरूण धवन और नवाज की यह पहली फिल्मों में से एक थी जिन्हें पहलाज की कैंची का सामना करना पड़ा था।