80 प्रतिशत एंड्रॉयड यूजर्स को है इस वायरस से खतरा, जाने कैसे बचे
टेक्नोलॉजी की दुनिया में वैसे तो मोबाइल के कई प्लेटफॉर्म है लेकिन सबसे ज़्यादा एंड्रॉयड ही यूज किया जाता है। दुनिया में एंड्रॉयड यूज करने वालों की संख्या भी बहुत ज़्यादा है। हाल ही में आई एक रिर्पोट में खुलासा हुआ है कि अगर आपके स्मार्टफोन में एंड्रॉयड मार्शमैलो से पहले का कोई ऑपरेटिंग सिस्टम आप यूज कर रहे है तो आप सावधान रहे। आपका फोन वायरस का शिकार हो सकता है। ये वायरस काफी ख़तरनाक का है जो आपके मोबाइल में आकर हैकर्स को आपकी जानकारियां भेज देता है।
चीता मोबाइल ने चर्चित एंड्रॉयड ट्रोजन ‘गोस्ट पुश’ के इंप्रूव्ड वर्जन के बारें में नई रिपोर्ट जारी की हैं। जिसमें बताया गया है कि एंड्रॉयड मार्शमैलों से पहले के प्लेटफॉर्म यूज करने वाले यूजर्स के मोबाइल इस वायरस के शिकार हो रहे है। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि जिन लोगों के डिवाइस इस वाइरस से प्रभावित हुए हैं, उनमें से ज़्यादातर ने अनऑफिशियल ऐप्स डाउनलोड किए थे। रिपोर्ट कहती है कि जिन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से इन्स्टॉल नहीं किया जाता, उनमें वायरस होने का खतरा ज़्यादा होता है।
रिपोर्ट के मुताबिक हर एंड्रॉयड डिवाइस पर करीब 10 लाख ऐप डाउनलोड किए जाते हैं इनमें से एक प्रतिशत में किसी न किसी तरह का मालवेयर होता है। ज़्यादातर ऐप्स में ट्रोजन होते हैं। एक दिन में इंस्टॉल होने वाले करीब 10000 सॉफ्टवेयर में मालवेयर होते हैं और यह आंकड़ा चिंता का विषय है। गोस्ट पुश एक ऐसा ही वायरस है जिसे हैकर्स और ऑनलाइन क्रिमिनल इस्तेमाल करते हैं। इसका पता सबसे पहले 2014 के आखिर में पता चला था। पिछले साल ही इस वायरस ने 9 लाख डिवाइसेज को प्रभावित किया था।
इस तरह रखें ध्यान
अगर आप कोई भी ऐपीके फाइल या ऐप्लीकेशन फाइल अपने एंड्रॉयड में इंस्टॉल कर रहे हैं तो सबसे पहले उसे एंटीवायरस रन करके उसे स्कैन करें।
रिसर्चस के अनुसार कई सारी ऐसी अडल्ट वेबसाइट और एडवर्टाइजिंग लिंक्स है जिन पर क्लिक करने से आप इस वायरस के शिकार हो सकते है।
क्रिमिनल्स ने इस सॉफ्टवेयर को अन्य ऐप्स के साथ मिलाकर फैलानें में कामयाबी हासिल की है। सुपर मारियो और वर्डलॉक के नाम पर ऐप बनाकर उन्होंने हर दिन सैकड़ों डाउनलोड करवाए। चिंता की बात यह है कि गूगल का सिक्योरिटी सिस्टम भी इन्हें नहीं पकड़ सका।