लोकसभा में पेश हुआ GST, जेटली बोले सबके सुझाव होंगे शामिल
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नई दिल्ली. 3 अगस्त को राज्यसभा में पूर्ण बहुतम से पास होने वाले जीएसटी बिल को सोमवार को दोबारा लोकसभा में पेश किया गया। अरुण जेटली ने इसे पेश किया। यहां बिल में राज्यसभा में हुए बदलावों पर मंजूरी ली जाएगी। नरेंद्र मोदी भी शाम को लोकसभा में बिल पर स्पीच देंगे। इससे पहले मई, 2015 में लोकसभा ने बिल को पास कर दिया था।
जेटली बोले ज्यादा पार्टियों का सर्पोट
जेटली ने अपनी स्पीच में कहा कि जीएसटी को ज्यादातर पार्टियां सपोर्ट कर रहीं है। सरकार सभी पार्टियों के सुझावों को शामिल करने की कोशिश की हैं। जेटली ने ये भी कहा, ’अगर कोई किसी चीज पर एक बार टैक्स दे देता है तो उसे दोबारा टैक्स नहीं देना पड़ेगा।’
राज्यों से भी कराना होगा पास
लोकसभा में पास होने के बाद बिल को आधे राज्यों (15) के अप्रूवल की भी जरूरत होगी। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। चूंकि लोकसभा में सरकार के पास मेजॉरिटी है, इसके चलते अमेंडमेंट्स के साथ बिल को पास कराने में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ये भी माना जा रहा है कि अपोजिशन लोकसभा में एक बार फिर बिल पर चर्चा की मांग कर सकता है। एक सीनियर मिनिस्टर के मुताबिक, “करीब-करीब सभी राजनीतिक दलों ने बिल को सपोर्ट कर दिया है। लोकसभा में पास होने में कोई परेशानी नहीं आएगी।“
16 सालों का इंतजार
आपको बता दे कि जीएसटी को पास होने में लगभग 16 साल लग गए हैं। बिल के सपोर्ट में राज्यसभा में 197 मेंबर्स ने वोट किया था। वोटिंग से पहले सिर्फ ।प्।क्डज्ञ ने वॉकआउट किया। बिल पर करीब साढ़े सात घंटे चर्चा हुई थी। इसमें 33 सांसदों ने हिस्सा लिया। अरुण जेटली ने बिल पेश करते हुए इसे अब तक का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बताया था।
वाजपेयी सरकार ने रखी थी नींव
बता दें कि 16 साल पहले वाजपेयी सरकार ने जिस गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स विधेयक की नींव रखी थी, उसके संसद से पास होने का इंतजार नौ साल से हो रहा था। 20 तरह के इनडायरेक्ट टैक्स खत्म कर ’एक देश, एक टैक्स’ की थीम पर बने जीएसटी बिल में सरकार ने 9 बदलाव किए।
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