लोकसभा में होगी जीएसटी पर बहस, जानिए जीएसटी से जुड़ी ख़ास बातें
जीएसटी की चर्चा इन दिनों पूरे देश में है। जीएसटी राज्यसभा में तो पहले ही पास हो चुका है अब इसका लोकसभा में पास होना बाकी है। जीएसटी के लागू होने से देश की जनता पर काफी असर पड़ेगा। जीएसटी कितने भागों में होगा और इसमें क्या ख़ास होगा आइए आपको बताते हैं।
जीएसटी के बारे में बाकी की डिटेल देने से पहले आपको बता दें कि आखिर जीएसटी बिल क्या है। जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स। इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जीएसटी के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ कस्टम, वैट/सेल्स टैक्स, सेंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स, लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।
बुधवार को लोकसभा में जीएसटी से जुड़े 4 बिल पास हो सकते है। ये चार बिल सेंट्रल जीएसटी (सी-जीएसटी), इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन जीएसटी (यूटी-जीएसटी) और मुआवजा कानून बिल पास हो सकते हैं। बिल में मैक्सिमम 40 प्रतिशत जीएसटी रेट, मुनाफाखोरी रोकने के लिए अथॉरिटी बनाने और कर चोरी करने पर गिरफ्तारी जैसे प्रोविजन हैं। विवाद सुनवाई के लिए जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन होगा।
1 जुलाई से लागू करने का लक्ष्य
सरकार इस इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम को 1 जुलाई से लागू करने का टारगेट लेकर चल रही है। इससे इंडियन प्रोडक्ट न सिर्फ घरेलू बाजार में, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी कॉम्पिटीटर हो जाएंगे। स्टडी के मुताबिक, इससे देश की जीडीपी ग्रोथ रेट एक से दो फीसदी तक बढ़ सकती है। इसके न केवल नई नौकरियां पैदा होंगी, बल्कि प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी।
ये है मुख्य प्रावधान
पान मसाला पर मैक्सिमम 135 प्रतिशत, सिगरेट पर 290 प्रतिशत लग्जरी कार और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर 15 प्रतिशत तक सेस लगाने का प्रावधान है। ट्रांजेक्शन छिपाने या कर चोरी करने पर गिरफ्तारी हो सकती है। दोषी व्यक्ति को 5 साल तक की जेल और/या जुर्माना। जिन वस्तुओं पर कम टैक्स लगेगा, उसका फायदा कस्टमर को मिलेगा। ऐसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई होगी। नजर रखने के लिए अथॉरिटी बनेगी।
छोटे बिजनेस वालों को मिलेगी राहत
जीएसटी के अनुसार इसके लागू होने के बाद छोटे बिजनेस यानि सालाना 50 लाख तक का बिजनेस करने वालों को टर्नओवर के 1 प्रतिशत तक टैक्स देना होगा। सप्लायर्स के लिए 2.5 प्रतिशत है। वहीं ई-कॉमर्स पर भी जीएसटीः ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले सप्लायर्स को भुगतान करने से पहले टैक्स काटेंगी। यह अधिकतम 1 प्रतिशत होगा।
तीन तरह से लगेगा टैक्स
जीएसटी के लागू होने के बाद आपको तीन तरीके से टैक्स चुकाना होगा। यानि सरकार तीन लेवल पर टैक्स की वसूली करेगी। पहला सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी, इसे केंद्र सरकार वसूलेगी। दूसरा एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी, इसे राज्य सरकार वसूलेगी और तीसरा आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटीः,अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।
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