लगभग 1 जुलाई से जीएसटी का लागू होना तय है। इसके के लागू होने से जॉब मार्केट में जान लौटने की उम्मीद की जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे तुरंत टैक्सेशन. एकाउंटिंग और डेटा एनालिसिस सहित दूसरे क्षेत्र में 1 लाख लोगों को नौकरी मिलने के बहुत अवसर हैं। फार्मल सेक्टर में 10-13 फीसदी नौकरी के उम्मीद जताई जा रही है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी की वजह से इकोनॉमी के कई सेगमेंट में प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ सकती है। इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन की प्रेसीडेंट रितुपर्णां चक्रबर्ती न कहा कि जीएसटी से सामान की खरीदारी और उनका वितरण काफी तेज हो जाएगा। इससे कैश फ्लो का भी सही अंदाजा लगाया जा सकेगा। जानी-मानी एग्जिक्यूटिव सर्च फर्म ग्लोबलहंट के एमडी सुनील गोयल ने बताया कि, ‘अनुमान के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद 3 महीने में करीब 1 लाख से अधिक रोजगार के मौके बनेंगे। आगे चलकर जीएसटी संबंधी कामकाज के लिए और 50 हजार से भी ज्यादा मौके बनेंगे। इसकी वजह से कंपनियों को टैक्स मैनेजमेंट के लिए अलग से प्रोफेशनल्स हायर करने पड़ेगे।
इस बारे में एशिया पैसिफिक और मिडिल ईस्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय मोदी ने कहा, ‘नए टैक्स सिस्टम का ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर पॉजिटिव असर होगा। विदेशी निवेशकों को कंपनियों को सहूलियत होगी।’ सूत्रों के मुताबिक इससे जीएसटी का ऑटो, लॉजिस्टीक्स, होम डेकोर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, फार्मा, सीमेंट, ई-कामर्स, मीडिया और एंटरटेनमेंट और टेलीकॉम पर अधिक असर पड़ने की उम्मीद है। लेबरनेट सर्विसेज इंडिया की को-फाउंडर और सीईओ गायत्री वासुदेवन ने कहा कि ऐसा तभी हो पाएगा जब जीएसटी से संबंधी सारी दिक्कतें समये रहते दूर हो जाए। अभी तक इसे लेकर कई तरह की उलझनें बनी हुई है, जिसे दूर करने की जरूरत है। उन्होनें कहा कि समस्याओं को अभी नहीं सुलझाया गया तो शॉर्ट टर्म में इसका जॉब मार्केट पर बुरा असर पड़ सकता हैं।