Sunday, September 10th, 2017 03:29:49
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गुरू पूर्णिमा 2017: जानें गुरू का महत्व और ऐसे करें उनकी अराधना




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देश भर में आज 9 जुलाई को गुरू पूर्णिमा मनाई जाएगी है। यह पर्व आषाढ़ मास (जून-जुलाई) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हमारे देश में गुरू को भगवान से ऊपर का दर्जा दिया जाता है।

गुरु पूर्णिमा को लेकर मान्यता है कि प्राचीन काल में इसी दिन शिष्‍य अपने गुरुओं की पूजा करते थे। ऐसा माना जाता है कि गुरु पूर्णिमा को गुरु की पूजा करने से ज्ञान, शांति, भक्ति और योग शक्ति प्राप्त करने की शक्ति मिलती है।

व्यास जी का जन्मदिन
इस दिन चारों वेदों के व महाभारत के रचियता, संस्कृत के परम विद्वान कृष्ण द्वैपायन व्यास जी का जन्मदिन भी मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा को इसी वजह से व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इसी दिन भक्तिकाल के संत घीनादास का भी जन्म हुआ था। यह गुरु के आदर, मान-सम्मान की पूर्णिमा है।

गुरू के महत्व
हमारे देश में गुरू के महत्व को बताते हुए उसे साक्षात् ब्रह्मा का रूप माना जाता है गुरूब्रह्मा, गुरूर्विष्णु गुरूर्देवो महेश्वरः। गुरूर्साक्षात् परमब्रह्रा तस्मै श्री गुरूवेः नमः।। गुरु को ब्रह्म कहा गया है, क्योंकि जिस प्रकार से वह जीव का सर्जन करते हैं, ठीक उसी प्रकार से गुरु शिष्य का सर्जन करते हैं।

शुभ मूहूर्त
गुरु पूर्णिमा 8 जुलाई रात्रि 7.30 बजे से आरंभ हो जाएगी जो रविवार 9 जुलाई को रात 9.36 बजे तक रहेगी। इस दिन गुरु पूजा के लिए आप चौघड़िया के आधार पर मुहूर्त चुन सकते हैं। सुबह 7.17 बजे से 9.00 बजे तक, 9.00 से 10.43 तक लाभ तथा 10.43 से 12.26 तक और दोपहर 2.09 बजे 3.52 तक अमृत का चौघड़िया रहेगा।

ऐसे करें पूजा

  • सुबह नहा-धोकर घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान विष्णु या अपने गुरु का चित्र सामने रखकर पूजा करनी चाहिए और उन्हें दक्षिणा देनी चाहिए।
  • व्यासजी के रचे ग्रंथों का अध्ययन-मनन करके उनके उपदेशों पर आचरण करना चाहिए।
  • इस दिन गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने से अत्यधिक पुण्य प्राप्त होता है।
 

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