पर्यावरण को स्वस्थ और सुरक्षित बनाएंगे ये अहम फैसले
कभी तेज धूप तो कभी झमाझम तेज बारिश । कभी कपकपाती सर्दी और चारों तरफ धुंध तो अगले ही पल आसमान साफ यह चमत्कार नहीं, गुस्सा है प्रकृति का। विकास के नाम पर प्रकृति से छेड़छाड़ वर्षों से होता रहा है। विकास कितना हुआ है यह देखने की बात है पर इस दौरान प्रकृति के साथ हमने क्या किया ये सोचनेे की बात है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ तो आए दिन हो रहा , लेकिन अब तक सरकार भी चुप थी और लोग भी पर्यावरण संरक्षण की बातों को नजरअंदाज कर रहे थे, लेकिन अब समय बदल रहा है और लोगों की सोच भी। यही वजह है कि इस साल पर्यावरण दिवस के दिन दुनियाभर में कई संगठन, सरकार द्वारा अहम फैसले लिए गए। ये फैसले बड़े पैमाने पर लिए गए हैं, जहां से पर्यावरण को सुरक्षित और प्रदूषण रहित बनाया जा सकता है। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ बड़े इनिशिएटिव्स के बारे में।
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एक से ज्यादा गाड़ी रखने वाले अब भरेंगे ज्यादा टैक्स-
देश में बदल रहे पर्यावरण के लिए लक्जरी गाडिय़ा भी जिम्मेदार हैं। बढ़ते वाहन यातायात परेशानी के साथ प्रदूषण के भी प्रमुख कारण हैं। इसी को देखते हुए झारखंड में अब पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अनूठा कदम उठाया गया है। झारखंड के सीएम रघुवर दास ने निर्णय दिया है कि अब एक से ज्यादा गाडिय़ां रखने वालों को दूसरी गाड़ी खरीदने के लिए ज्यादा टैक्स भरना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए जल्छ ही नया नियम बनाएगी। सीएम ने कहा है कि झारखंड प्रकृति की गोद में रचा बसा राज्य है, इसलिए हमने अगर आज कोई कदम नहीं उठाया तो प्रकृति हमें कभी माफ नीं करेगी।
पर्यावरण के साथ स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी पैड-
महिलाओं द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे सैनिटरी पैड आपको पता है पर्यावरण के लिए कितने हानिकारक हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं व लड़कियां कपड़े का उपयोग करती हैं तो सही तरह से धूप में नहीं सूखा होने के कारण उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं। लेकिन अब पर्यावरण के समर्थक दोबारा इस्तमेाल में लाए जा सकने वाले कपड़े के पैड , बायोडिग्रेडेबल पैड और कप सहित पर्यावरण के अनुकूल सैनिटरी पैड के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। ऐसा होने से न केवल लोगों में बीमारियां कम होंगी, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा।
केरल सरकार ने एक करोड़ पौधों का किया वितरण-
पर्यावरण को प्रदूषणरहित बनाने के लिए केरल सरकार ने इस मौके पर एक करोड़ पौधे वितरित किए हैं। ग्रीन केरल मिशन के तहत सरकार ने यूकेलिप्टस और बबूल जैसे पौधों को दूर रखा है, जो ज्यादा मात्रा में भूजल का इस्तेमाल करते हैं। सरकार ने सिर्फ इसलिए फल देने वाले और पर्यावरण के अनुकूल पौधों का ही वितरण किया है।
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