अब 10 लाख से ज़्यादा जमा करने वालों को मिलेगा आईटी का नोटिस
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नोटबंदी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आए। बैंकिंग सिस्टम में भी बदलाव देखने को मिले। लेकिन अब एक और बदलाव आपको देखने को मिलेगा। नोटबंदी के बाद तेजी से सक्रिय हुआ आयकर विभाग अब लोगों से इस अवधि के दौरान उनके बैंक खातों में सीमा से अधिक जमा हुई नकदी का स्रोत पूछेगा।
नकदी की स्क्रूटनी के तहत विभाग की ओर से उठाए गए कदम के मुताबिक जिन लोगों ने 8 नवंबर 2016 के बाद अपने बैंक खातों में 10 लाख रुपए से अधिक नकदी जमा कराई हैं, उन्हेंर बताना होगा कि यह नकदी उनके पास कहां से आई। गौरतलब है कि नोटबंदी के फैसले के बाद लोगों ने भारी मात्रा में पुरानी नकदी (500 और 1000 रुपए के पुराने नोट) बैंकों में जमा की थी।
15 दिन के भीतर नोटिस
नोटबंदी के बाद जिन लोगों के बैंक खातों में सीमा से अधिक रकम जमा हुई है उन्हें विभाग अगले 15 दिनों के भीतर नोटिस भेजकर उस धन का स्रोत पूछेगा। विभाग को मिले आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के एलान के बाद 1.5 लाख बैंक खातों में 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा की रकम जमा कराई गई है।
ऑनलाइन देना होंगे सवालों के जवाब
सीबीडीटी से मिली जानकारी के अनुसार, नोटबंदी के बाद बैंक अकाउंट्स में 10 लाख या इससे ज्यादा जमा करने वालों से टैक्स डिपार्टमेंट ऑनलाइन सवाल-जवाब करेगा। जानकारी के मुताबिक नए ई-प्लेटफॉर्म के जरिए ऐसे अकाउंट होल्डर्स से संपर्क किया जाएगा। उन्हें ऑनलाइन जवाब दाखिल करना होगा।
कर अधिकारियों का मानना है कि करीब एक लाख करोड़ रुपए का कालाधन नई इनकम डेक्लरेशन स्कीम (प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना) के जरिए सामने आ सकता है, जिससे सरकार को 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का टैक्स मिलेगा। कर विभाग पहले उन 1.5 लाख बैंक खातों पर ध्यान देगा, जिनमें 10 लाख रुपए या इससे ज्यादा की रकम जाम हुई है।
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