हाइवे बनेंगे सुपर हाइवे, सरकार ला रही है ये मास्टर प्लान
गाड़ी चलाना तो सभी को अच्छा लगता है और तेज स्पीड में गाड़ी चलाना उससे भी ज़्यादा अच्छा लगता है लेकिन इस स्पीड में गाड़ी चलाने के बीच में कई दिक्कतें आती है और इनकी वजह से एक्सीडेंट हो जाते हैं। बस इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार एक मास्टर प्लान ला रही है जिससे हाईवे को सुपर हाइवे बनाया जाएगा।
अक्सर हाइवे पर सफर करते हुए आपने देखा होगा कि कई तरह कि दिक्कतें आ जाती हैं। कई आपको यू टर्न के कारण रूकना होता हैं तो कहीं कोई बीच में गाड़ी मोड़ लेता हैं तो रूकना पड़ता हैं और कभी-कभी तो हाइवे पर जानवर आपको परेशान कर देते हैं। आपकी इस परेशानी का अब सरकार कुछ सालों में दूर कर देगी। हो सकता है इसमें कुछ समय लगे लेकिन सरकार का ये कदम सराहनीय है।
ऐसा है प्लान
अगले 4 से 5 सालों में नैशनल हाइवे के 20 हजार किलोमीटर से ज्यादा का हिस्सा यू-टर्न और कट्स फ्री होगा। इसके साथ ही हाइवे के दोनों ओर बैरिकेडिंग भी होगी जिससे जानवर हाइवे पर नहीं घुस पाएंगे। मुख्य हाइवेज को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि भारी वीइकल्स भी रफ्तार के साथ बिना परेशानी मंजिल तक जल्द पहुंच जाएं।
पुराने हाइवे को किया जाएगा अपडेट
सरकार का यह प्रॉजेक्ट ’भारतमाला’ स्कीम का हिस्सा है इसके फेज-1 के तहत कुछ मुख्य मार्गों को कम से कम चार लेन का किया जाएगा। इस फेज पर 3.85 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे। अभी हाइवेज पर कई तरह की स्पीड वाली गाड़ियां चलती है जिससे न केवल हाइवे की स्पीड कम होती बल्कि दुर्घटना की संभावनाएं भी बढ़ जाती हैं।
जापान में चलती हैं 40,000 गाड़ियां
हाइवे मिनिस्ट्री ने एक स्टडी की थी जिसमें पता चला कि जापान का हाइवे हम से दो कदम आगे है। वहां पर फोर लेन पर एक दिन में करीब 40,000 गाड़ियां चल सकती है, वहीं भारत में ऐसे ही हाइवे पर 20,000 गाड़ियां चल पाती है। उसमें से भी कई बार गाड़ियों के एक्सीडेंट होते रहते हैं। यहां पर गाड़ियों की संख्या बड़ाने के लिए पहला उपाय तो लेन बड़ाना था लेकिन अब सरकार दूसरे उपाय पर काम कर रही हैं जिसमें पुराने हाइवे को ही इस तरह अपडेट किया जा रहा है कि हाइवे पर स्पीड और कैपेसिटी दोनों बड़ सकें।
20,000 किमी हाइवे होगा अपडेट
नए हाइवेज को बनाने की बजाए पुराने हाइवेज में कुछ बदलाव कर उन्हें अपग्रेड करने का प्रपोजल रोड और ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने आगे बढ़ाया है। मिनिस्ट्री 20 हजार किलोमीटर को ’ऐक्सेस कंट्रोल्ड’ करेगी। इस तरह का कॉन्सेप्ट विकसित देशों में अपनाया जाता है। ऐक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे में घुसने और निकलने के पॉइंट्स कम होते हैं। अभी हाइवे पर हर छोटी-मोटी जगह पर हाइवे में कट और यू-टर्न होते हैं जिससे गाड़ियों की स्पीड प्रभावित होती है।
’ऐक्सेस कंट्रोल्ड’ कॉन्सेप्ट के तहत कुछ हाइवेज की पहचान कर ली गई है। इसमें मुंबई-कोलकाता, मैंगलोर-बेंगलुरु, लुधियाना-कांधला और पोरबंदर से सिलचर को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पीएम ऑफिस ने नैशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया बोर्ड को इस प्रपोजल पर आगे बढ़ने का सिग्नल दे दिया है। इससे पहले इसी मॉडल के तहत बीजेपी शासन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने स्वर्णिम चतुर्भुज की शुरुआत की थी जिसके तहत देश के चार मेट्रो शहरों को जोड़ा गया था।
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