देश के विभिन्न हिस्सों से अक्सर दहेज के लालची लोग दहेज ना मिलने पर बारात वापस ले जाने में भी नहीं हिचकते और इस तरह के मामले थाने तक ही पहुंचने की खबरें आती हैं, लेकिन शादियों के इस सीज़न में मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में इसके उलट एक सुखद खबर सामने आई है।
इस जिले के मुलताई क्षेत्र के ग्राम हिवरखेड़ में कल हुई एक शादी में दूल्हे ने न केवल वधू पक्ष से कोई गिफ्ट लेने से इंकार कर दिया, बल्कि शादी में उपहार लाए लोगों से भी कोई उपहार ग्रहण नहीं किया। बेहद सादगी से हुए विवाह के चर्चे पूरे क्षेत्र में जोरों पर हैं।
बेटी जीवनभर के लिए सौंप रहे हो, यही बड़ा दहेज
सूत्रों के मुताबिक मुलताई तहसील के हिवरखेड़ निवासी सुभाष कुंभारे के पुत्र हेमंत और इकलहरा के धनराज झरबड़े की बेटी का विवाह कल गायत्री परिवार के रीति-रिवाज से हुआ। सभी लोग दूल्हा-दुल्हन के लिए उपहार लाए थे, लेकिन दूल्हे ने दहेज में आए कपड़े, गहने और बर्तन सहित सभी सामान लेने से इंकार कर दिया। दूल्हे ने कहा कि उसे दहेज में एक रुपया भी नहीं चाहिए। दुल्हन पक्ष के लोग अपनी बेटी उसे जीवनभर के लिए सौंप रहे हैं, यही दहेज है।
गायत्री परिवार की आदर्श विवाह पद्धति से हुआ विवाह
विवाह आयोजित कराने वाले गायत्री परिवार के सदस्य रामदास देशमुख ने बताया कि गायत्री परिवार की आदर्श विवाह पद्धति से पूरा विवाह करवाया गया। दूल्हे के आग्रह पर सब कुछ उसी हिसाब से किया गया।