Monday, September 11th, 2017 22:05:34
Flash

भारतीय रक्षा मंत्रालय ने युद्ध के लिए मांगे 20,000 करोड़ एक्स्ट्रा




भारतीय रक्षा मंत्रालय ने युद्ध के लिए मांगे 20,000 करोड़ एक्स्ट्राPoliticsWorld

Sponsored




भारत के चीन से चल रहे संघर्ष के बीच रक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार से युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए 20 हजार करोड़ रु. के अतिरिक्त बजट की मांग की है, वह भी ऐसे समय जब डोकलाम विवाद शुरू होने को 8 हफ्ते पूर हो गए हैं। इसी साल 2017 में केंद्र की ओर से 2,74,113 करोड़ रु. का रक्षा बजट पेश किया गया था, जो GDP का 1.62% था। वहीं ये बजट पिछले साल से मात्र 6% ज्यादा था। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, बजट का आधा हिस्सा उन्हें मिल चुका है, जिसमें से एक तिहाई खर्च भी हो चुका है।

यह भी पढ़ें – सेना का करीब 27 लाख करोड़ रु. का डिफेन्स-प्लान

कम से कम 10 दिन के युद्ध के लिए तैयार रहना होता है

कुछ हफ्ते पहले ही रक्षा मंत्रालय ने सेना के उप-प्रमुख को युद्ध से जुड़े हथियारों को खरीदने को कहा था, वहीं सेना के सामान खरीद-फरोक्त में भी लालफीताशाही में कमी लाई गई है, गौरतलब है कि सेना को किसी भी समय कम से कम 10 दिन के युद्ध के लिए तैयार रहना होता है।

आयात से कस्टम ड्यूटी को हटा दिया गया था

इससे पहले इस साल की शुरुआत में रक्षा सामानों के आयात से कस्टम ड्यूटी को हटा दिया गया था। सूत्रों की मानें, तो इसकी वजह सेना को काफी पैसा खर्च करना पड़ता था। इस फैसले को इसलिए लिया गया था, ताकि देश में बन रहे सामानों और हथियारों का इस्तेमाल बढ़ सके।

यह भी पढ़ें – मिसाइल, गोला-बारूद और जवान कुछ भी पर्याप्त नहीं, CAG की रिपोर्ट में चौकाने वाला खुलासा

CAG की रिपोर्ट से भी बड़ी थी देश की चिंता

आपको बता दें कि इससे पहले संसद में रखी गई नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में बताया गया कि कोई युद्ध छिड़ने की स्थिति में सेना के पास महज 10 दिन के लिए ही पर्याप्त गोला-बारूद है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया कुल 152 तरह के गोला-बारूद में से महज 20% यानी 31 का ही स्टॉक संतोषजनक पाया गया, जबकि 61 प्रकार के गोला बारूद का स्टॉक चिंताजनक रूप से कम पाया गया। यहां गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय सेना के पास कम से कम इतना गोला-बारूद होना चाहिए, जिससे वह 20 दिनों के किसी सघन टकराव की स्थिति से निपट सके। हालांकि इससे पहले सेना को 40 दिनों का सघन युद्ध लड़ने लायक गोलाबारूद अपने वॉर वेस्टेज रिजर्व (WWR) में रखना होता था, जिसे 1999 में घटा कर 20 दिन कर दिया गया था। ऐसे में कैग की यह रिपोर्ट गोलाबारूद की भारी किल्लत उजागर करती है।

Sponsored



Follow Us

Yop Polls

तीन तलाक से सबसे ज़्यादा फायदा किसको?

Young Blogger

Dont miss

Loading…

Subscribe

यूथ से जुड़ी इंट्रेस्टिंग ख़बरें पाने के लिए सब्सक्राइब करें

Subscribe

Categories