इंदिरा गांधी के इन ऐतिहासिक फैसलों से बदली भारत की तस्वीर
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पूरे देश में इन दिनों एक ही नाम गूंज रहा है ‘मोदी’। बच्चा हो, बूढ़ा हो, जवान हो, नेता हो, डॉक्टर हो या कोई भी हर किसी की ज़ुबान पर आज मोदी का ही नाम है। पीएम मोदी ने नोट बंद करके जो किया है उससे कितने लोग खुश हैं इस बात का जवाब तो हम नहीं दे सकते लेकिन इस फैसले का क्या असर होगा ये तो आने वाला वक्त ही दिखाएगा।
इन दिनों पीएम मोदी के नाम का गुणगान है। वहीं 19 नवंबर को देश के पहली महिला पीएम इंदिरा गांधी का जन्मदिन हैं। देश की वो महिला पीएम जिसने देश की तस्वीर बदल कर रख दी थी। देश में आयरन लेडी के नाम से मशहूर इंदिरा के जन्मदिन पर हम आपको उनके बारे में कुछ ख़ास बातें बताने वाले हैं…
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर को 1917 को इलाहबाद में हुआ था। इनके पिता भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे तथा माता कमला नेहरू थी। इंदिरा गांधी का जीवन एक लंबी कहानी है और अपने आप में एक इतिहास है लेकिन उन्होंने अपनी ज़िन्दगी में जो फैसले लिए उनसे इस देश की तस्वीर बदली। हम आपको कुछ ऐसे ही फैसलों के बारें में बताने जा रहे हैं।
1. 20 सूत्रीय कार्यक्रम
जिस तर्ज पर आज भाजपा और कांग्रेस की पार्टियां देश से गरीबी हटा रहे है। उसकी शुरूआत इंदिरा गांधी ने ही की थी। पीएम बनने के बाद इंदिरा ने देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से गरीबी हटाने के लिए 20 सूत्रीय कार्यक्रम की शुरूआत की। जिसमें ‘गरीबी हटाओं’, रोजगार, शिक्षा जैसे मुद्दे थे। ये वो मुद्दे हैं जिनसे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र उस समय जूझ रहे थे।
2. बैंकों का राष्ट्रीयकरण
इंदिरा गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में भी कदम उठाए। उन्होंने सन् 1969 में 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया। उस समय वित्त मंत्री मोराजी देसाई थें और पहले उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया था। लेकिन बाद में 19 जुलाई 1969 को एक अध्यादेश लाया गया, जिसमें 14 बैंकों के स्वामित्व राज्य के हवाले कर दिए गए। उस समय बैंक के पास देश की 70 प्रतिशत जमापूंजी थी।
इंदिरा गांधी के इस फैसले के बाद बैंकों की 40 प्रतिशत पूंजी को प्राइमरी सेक्टर जैसे कृषि और मध्यम छोटे उधोगों में निवेश के लिए रखा गया। देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से बैंक शाखाएं खोली गई। साल 1969 में 8261 शाखाएं थे वहीं 2000 तक 65,521 शाखाएं हो गई। बैंकों के राष्ट्रीयकरण से देश को आर्थिक स्तर पर बहुत मजबूती मिली।
3. महाराजाओं की मान्यता को किया समाप्त
देश आज़ाद होने के पहले देश में अंग्रेज़ों और राजा-महाराजाओं का शासन हुआ करता था। लेकिन आज़ादी के साथ ही सभी रियासतों को भारत में मिला लिया गया। इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र मजबूत करने के लिए इन्हीं राज-महाराजाओं की मान्यता समाप्त करने हेतु एक प्रस्ताव लोकसभा से 23 जून 1967 को पारित करवाया। इस प्रस्ताव को राज्यसभा में ठुकरा दिया गया था लेकिन राष्ट्रपति के सामने इस प्रस्ताव को रखने के बाद इसे स्वीकार की अनुमति मिली। Next Page पर पढ़ें पूरी स्टोरी…
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