बचपन से हमने कुछ ऐसे इंस्ट्रूमेंट जरूर देखे हैं जिन्हें हर जगह उपयोग किया जाता है जैसे डांस, धार्मिक आयोजन, फॉक डांस और भी कई सारे आयोजन जहाँ पर इनका उपयोग किया जाता है। यह ऐसे इंस्ट्रूमेंट हैं जिन्हें देखा तो है पर उनके बारे में जानते नहीं हैं। तो हम आपको बताते हैं भारतीय संगीत के इन इंस्ट्रूमेंट के बारे में कुछ रोचक बातें।
इसराज – यह इंस्ट्रूमेंट भारत के उत्तरीय राज्य बंगाल और त्रिपुरा से आया है। यह इंस्ट्रूमेंट धार्मिक प्रोग्राम और क्लासिकल सॉग्स में उपयोग किया जाता है। इसे ‘द इंडियन हार्प’ के नाम से भी जाना जाता है।
जल तरंग- जल तरंग मतलब वेव्स इन वॉटर। यह एक भारतीय मेलोडिक इंस्ट्रूमेंट है। इस इंस्ट्रूमेंट के लिए पानी से भरे सिरेमिक बाउल्स होते हैं जिसके कोनों पर स्टिक की मदद से म्यूजिक जनरेट किया जाता है, जो एक स्मूद या फिर सॉफ्ट म्यूजिक क्रिएट करता है।
श्रुति बॉक्स –यह बिल्कुल हारमोनियम जैसा दिखता है। इसे सुरपेटी भी कहते हैं। यह एक इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है।
संतूर- यह म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट जम्मू-कश्मीर से लिया गया था। शायद आप को जानकर हैरानी होगी लेकिन यह अखरोट से बना होता है जिसमें 72 स्ट्रिंग्स होती हैं। इस इंस्ठ्रूमेंट का प्राचीन संस्कृत नाम सथा तंत्री वीणा है।
कंजीरा- यह गोल आकार में होता है। यह इंस्ट्रूमेंट लकड़ी और जैक फ्रूट (कटहल) से बना है। यह इंस्ट्रूमेंट ज्यादातर फॉक गाने और भजन में उपयोग किया जाता है।
चेंदा- यह इंसट्रूमेंट सिलेंड्रीकल फॉर्म में लकड़ी का होता है। इसे सबसे ज्यादा केरल में त्यौहार के दिन में उपयोग किया जाता है। यह इंस्ट्रूमेंट केरला और कर्नाटका के धार्मिक कार्यक्रम के साथ ही कथककली और डांस फॉर्म में भी उपयोग किया जाता है।