Wednesday, September 20th, 2017 18:17:05
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‘B’ Day: जब इमाम से भिड़ गई थी शबाना आज़मी




‘B’ Day: जब इमाम से भिड़ गई थी शबाना आज़मीEntertainment

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भारतीय सिनेमा में बेहतर फिल्में देने के लिए कुछ ख़ास कलाकारों को ही पहचाना जाता है। इन्हीं में से एक है शबाना आज़मी। जिन्होंने अपने करियर में बहुत सारी बेहतरीन फिल्में दी हैं। 18 सितंबर 1950 को जन्मी शबाना आज़मी एक बेहतरीन फिल्म, टेलीविज़न और थिएटर एक्ट्रेस है। शबाना आज़मी का जन्म हैदराबाद की एक मुस्लिम फैमेली में हुआ था। उनके पिता कैफी आज़मी, कवि तथा माँ शौकत आज़मी एक थिएटर आर्टिस्ट है। उनके भाई बाबा आज़मी भी जाने-माने सिनेमेटोग्राफर है।

शबाना आज़मी ने अपनी पढ़ाई मुंबई से की है तथा उन्होंने एफटीआईआई से एक्टिंग कोर्स भी किया है। शबाना आज़मी ने 1974 में फिल्म अंकुर से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इन्होंने अपनी पहली ही फिल्म से अपनी एक्टिंग का लोहा मनवा लिया था। अपनी पहली ही फिल्म में इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ हासिल हो गया था।

शबाना आजमी आज 66 साल की हो गई है। ये अभी तक 120 से भी ज्यादा हिंदी और बंगाली फिल्में कर चुकी है। इसके अलावा शबाना हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर चुकी है। फिल्मों के अलावा शबाना आज़मी एक बेहतरीन सोशलवर्कर भी हैं। 18 सितंबर को शबाना आज़मी के जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताने जा रहे है उनसे जुड़ी कुछ ख़ास बातें और उनके कुछ बेहतरीन डायलॉग….

शबाना आज़मी ने वैसे तो कई बेहतरीन फिल्मों में काम किया है लेकिन उनकी कुछ चुनिंदा बेहतरीन फिल्में है जो दर्शकों के दिल को हमेशा भाती है। अंकुर, निशांत, शतरंज के खिलाड़ी, खेल खिलाड़ी का, हीरा और पत्थर, कर्म, आधा दिन आधी रात, स्वामी, देवता, जालिम, अतिथि, स्वर्ग-नरक, थोड़ी सी बेवफाई, स्पर्श, अमरदीप, बगुला-भगत, अर्थ, अपने-पराये, मासूम, लोग क्या कहेंगे, दूसरी दुल्हन, गंगवा, कल्पवृक्ष, पार, कामयाब, द ब्यूटीफुल नाइट, मै आज़ाद हूँ, इतिहास, चॉक एंड डस्टर, नीरजा।

शबाना आज़मी की पर्सनल लाइफ वैसे तो किसी से छुपी नहीं है। उन्होंने बॉलीवुड के फेमस स्क्रिप्ट राइटर और संगीतकार जावेद अख्तर से निकाह किया था। शबाना के घरवाले इस निकाह के खिलाफ थे। उनका मानना था कि जावेद दो बच्चों के पिता है और उनकी बेटी का उनसे निकाह करना गलत होगा। वे जावेद की दूसरी पत्नि है।

आपको एक बात जानकर हैरानी होगी कि शबाना ने अपनी ही माँ का एक किरदार निभाया था। 1981 में रिलीज हुई फिल्म ‘उमराव जान’ जिसमें रेखा ने अभिनय किया था। इस फिल्म में शबाना की माँ, शौकत आज़मी ने ‘खानुम जान’ का किरदार निभाया था। इसी फिल्म का रीमेक 2006 मे बनाया गया था जिसमें ‘खानुम जान’ के किरदार को शबाना आज़मी ने निभाया था।

आपने ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो’ गाना तो सुना ही होगा। इस गाने को फिल्माया गया था ‘शबाना आज़मी’ पर लेकिन आपको बता दे कि शबाना को अपने मुस्कुराने को लेकर ही डर लगता था। वे अपनी हँसी को लेकर काफी झिझकती थी। उन्हें डर लगता था कि उनके दांतों का कोई मज़ाक न उड़ाए। लेकिन बाद में महेश भट्ट ने समझाया कि मुस्कुराहट आँखों से होती है दांतों से नहीं। इसके बाद शबाना ने अपनी मुस्कुराहट को लेकर डरना छोड़ दिया।

शबाना आज़मी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में भी घिरी है। एक बार उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के लिबास के बारें में बयान दिया था।

“The Quran speaks about women wearing clothes to cover her modesty. A woman is supposed to cover herself to be modest. She does not need to cover her face. A time has come for a debate on the issue”

जिसके बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया। इस बात को लेकर दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम सैयद अहमद बुखारी ने उन्हें ‘नाचने गाने वाली कहा था’।

Who has authorized Shabana Azmi to interpret the Quran? She is not a Muslim, she is just a ‘naachne gaane waali aurat’ — a woman who sings and dances — and she should confine herself to her profession and must not speak on things she has no knowledge about. She does not represent the mainstream views within the community. If there is no controversy on Christian nuns wearing a habit, so why should people look for controversy over a Muslim woman wearing a veil? The Quran clearly instructs Muslim women to wear a veil, though it is always up to the followers of any religion how sincerely they follow its principles. Many of our Muslim brethren do take alcohol. But this conduct of theirs does not refute the fact that taking any type of intoxicant is forbidden in Islam. If a woman chooses to move out without a burqa, it would be considered against the tenets of Islam.

Courtesy-Outlook.com

शबाना आज़मी एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है। उनकी फिल्में हमेशा से ही सराही जाती है। उन्हें अभी तक सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए पांच बार नेशनल फिल्म अवार्ड मिल चुका हैं। इसके अलावा उन्हें चार बार फिल्म फेयर अवार्ड और कई इंटरनेशनल अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका हैं। उनके जन्मदिन पर हम यहीं कामना करते है कि वे इसी तरह बेहतरीन फिल्में करती रही और ज़िन्दगी के सफर में आगे बढ़ती रहे।

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