सात साल बाद जिगिशा मर्डर केस में आया फैसला, दोषियों को मिली सजा
जिगिशा मर्डर केस में दिल्ली कोर्ट का फैसला सोमवार को आ गया। दिल्ली के साकेत कोर्ट ने दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई तो वहीं एक दोषी को जेल में उसके अच्छे व्यवहार के कारण उम्रकैद की सजा सुनाई है। केस की सुनवाई एडिशनल सेशंस जज संदीप यादव ने की। कोर्ट ने इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस बताते हुए फैसला सुनाया। रवि कपूर और अमित शुक्ला को फांसी और बलजीत मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
ये कहा कोर्ट ने
”ये मामला महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध का है। अगर इसमें नरमी बरती जाएगी तो समाज में गलत संदेश जाएगा। ये अपराध क्रूर और कोल्ड ब्लडेड मर्डर की कैटेगरी में आता है। इसमें पीड़िता असहाय थी। उसे घंटों बंधक बनाकर रखा गया और फिर नृशंसता से मार दिया गया। इसे कहीं से भी सभ्य समाज का काम नहीं कहा जा सकता।”
क्या हुआ था जिगिशा के साथ?
जिगिशा घोष की उम्र 28 साल थी और वह नोएडा में बतौर एक बीपीओ हैविट एसोसिएशन में ऑपरेशन मैनेजर थी। 18 मार्च 2009 को रवि, अमित, और बलजीत ने मिलकर जिगिसा के घर से यानी की बसंत विहार एरिया से किडनैप कर लिया था। उस समय जिगिसा ऑफिस से लौटी ही थी। ऑफिस कैब ने जिगिसा को वहां छोड़ा था। किडनेप करने के बाद दोषियों ने जिगिसा के एटीएम और क्रेडिट कार्ड का यूज़ कर खरीदारी भी की थी। 21 मार्च को जिगिसा की बॉडी सूरजकांड के पास मिली थी।