बेंगलुरु. इन्कम टैक्स, इंडिया के अधिकारियों के दल ने बुधवार को कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के एक मंत्री के अलावा अन्य लोगों की लोकेशंस पर छापेमारी की। उस इगलटन रिजॉर्ट, जहां गुजरात के 40 से भी ज्यादा कांग्रेस विधायक ठहरे हुए हैं, वहां भी इन्कम टैक्स ऑफिसर धमक गए। राज्यसभा चुनाव में किसी तरह की फूट की सम्भावना होने के डर से कांग्रेस ने अपने विधायकों को इस रिजॉर्ट पर रखा हुआ है।
कुल 39 लोकेशंस पर छापे मारे गए
प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्कम टैक्स अधिकारियों ने मंत्री डी. के. शिवकुमार के अलावा सांसद डी. के. सुरेश और कांग्रेस MLC एस. रवि की प्रॉपर्टीज पर भी छापा मारा है। डी. के. शिवकुमार, डी. के. सुरेश और रवि, ये ही वे तीन लोग हैं, जो गुजरात से लाकर यहाँ रखे कांग्रेसी विधायकों की मेजबानी में लगे हुए हैं। इन्कम टैक्स ऑफिसर्स द्वारा इस तरह कुल 39 लोकेशंस पर छापे मारे गए हैं। कांग्रेस आलाकमान के बेहद खास माने जाने वाले डी. के. शिवकुमार और डी. के. सुरेश क्षेत्र में डी. के. ब्रदर्स के नाम से फेमस हैं। सुरेश, डी. के. शिवकुमार के छोटे भाई हैं। दोनों की कर्णाटक सरकार में खास रसूख है और ये दोनों पार्टी के ‘संकटमोचक’ भी माने जाते हैं।
कांग्रेस MLC एस. रवि की मदद ली थी
टैक्स अधिकारी जांच के लिए इगलटन रिजॉर्ट पहुंचे थे, जिसके बाद में अधिकारियों ने कहा कि डी. के. शिवकुमार रिजॉर्ट पर थे, इसलिए वे वहां गए थे। लेकिन रिजॉर्ट में कोई तलाशी नहीं ली गई। यह रिजॉर्ट शहर से 60 किमी दूर बिदादी इंडस्ट्रियल इलाके में है। इस रिजॉर्ट में कमरे का एक दिन का किराया 10,000 रु. से शुरू होता है। इस इलाके में कई मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर भी हैं। सूत्रों के मुताबिक, डी. के. सुरेश ने रिजॉर्ट में विधायकों के लिए हर तरह की सुविधाएं और अन्य जरूरतों के लिए अपने कज़िन और कांग्रेस MLC एस. रवि की मदद ली थी।
डी. के. ब्रदर्स से परिचय एक नज़र में
डी. के. शिवकुमार कर्नाटक सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं, वहीं डी. के. सुरेश बेंगलुरु ग्रामीण सीट से सांसद हैं। जिस इलाके में विधायकों को ठहराया गया है, वह डी. के. सुरेश के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है और कनकपुरा (शिवकुमार का विधानसभा क्षेत्र) से भी महज एक घंटे की दूरी पर स्थित है। काफी ताकतवर नेता माने जाने वाले शिवकुमार को कई राजनीतिक जानकार सीएम पद का दावेदार भी मानते हैं। पिछले चुनाव में जब कांग्रेस को प्रदेश में स्पष्ट बहुमत मिला था, उस वक्त शिवकुमार कनकपुरा सीट से एक लाख से ज्यादा वोटों से जीते थे। उन्होंने अपने हलफनामे में 250 करोड़ रु. से ज्यादा की संपत्ति घोषित की थी। हाल के दिनों में पार्टी के लिए फंड जुटाने के काम में उनकी भूमिका अहम रही है।
छापे के पीछे का संदेह
सूत्रों के मुताबिक, इन्कम टैक्स ऑफिसर्स को शक है कि इन विधायकों के रखरखाव से लेकर सिक्यॉरिटी तक में बड़े पैमाने पर कैश का फ्लो शामिल है। ऑफिसर्स इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि इन नेताओं ने किसी बड़ी रकम का लेनदेन किया अथवा नहीं? इन्हीं शक के चलते इन ऑफिसर्स ने विभिन्न लोकेशंस पर छापा मारा है।
एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए इतनी मशक्कत – अहमद पटेल
कांग्रेस ने इस ऐक्शन को बदले की कार्रवाई कहा है। पार्टी के मुताबिक BJP अपने राजनीतिक फायदे के लिए सरकारी सिस्टम का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेसी नेता दबे जुबान में यह भी आरोप लगा रहे हैं कि रिजॉर्ट पर यह छापा विधायकों को वहां से बाहर निकालने के लिए मारा गया है ताकि राज्यसभा चुनाव में जोड़तोड़ के लिए बंद हो चुकी बातचीत एक बार फिर शुरू की जा सके। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि BJP महज एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए इतनी मशक्कत कर रही है। जबकि BJP ने कहा है कि अगर ईगलटन रिजॉर्ट प्रबंधन ने वित्तीय तौर पर कुछ गलत किया है, तो कार्रवाई में कुछ भी गलत नहीं है।
सरकारी मशीनरी द्वारा राजनीतिक विरोधियों का दमन चलन बना – शर्मा
छापे को लेकर बुधवार को राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामा कर रहे सांसदों ने वेल में आकर उप सभापति पीजे कुरियन के सामने जमकर नारेबाजी की। वे ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ और ‘सरकारी तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगा रहे थे। राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आनंद शर्मा ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके राजनीतिक विरोधियों का दमन करना चलन बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि IT, CBI और ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बुधवार को IT के छापे की टाइमिंग और जगह पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिस मंत्री के यहां छापे मारे गए, वह और उनके भाई विधायकों की देखरेख का काम देख रहे थे। शर्मा के मुताबिक, यह छापा टार्गेट करने का तरीका है। इस तरह से सरकार ने यह मेसेज दिया है कि एक व्यक्ति जो कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहा है, उसे निशाना बनाया गया।
विधायकों की मेजबानी करना, अवैध पैसे रखने का लाइसेंस नहीं
आजाद ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर अवैध पैसे बांटने को लेकर सरकार को कार्रवाई करनी ही है तो उसे अपने नेताओं पर छापे मारने चाहिए। आजाद ने आनंद शर्मा के उन आरोपों को दोहराया, जिसके मुताबिक, मोदी सरकार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके राजनीतिक विरोधियों को डरा रही है। सदन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सरकार की ओर से सफाई दी। उन्होंने कहा कि न तो रिजॉर्ट पर छापा मारा गया और न ही वहां ठहरे किसी एक भी विधायक की तलाशी ली गई। जेटली के मुताबिक, कुल 39 जगहों पर छापे मारे गए हैं। इसके अलावा, अगर कोई शख्स कांग्रेसी विधायकों की मेजबानी में लगा है, तो उसे अपने घर में अवैध पैसे रखने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।
हर घटिया हथकंडा अपना चुकी BJP – सुरजेवाला
बता दें कि इन्कम टैक्स सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि शिवकुमार के यहां करोड़ों की संपत्ति मिली है। हालांकि, कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तौर पर ही देख रही है। पार्टी के वरिष्ठ नेता आर. एस. सुरजेवाला ने कहा कि गुजरात में राज्यसभा सीट जीतने के लिए BJP हर घटिया हथकंडा अपना चुकी है। गुजरात में विधायकों को घूस देने की कोशिश की गई। जब सब कुछ नाकाम हो गया तो हताश BJP सरकार अब कांग्रेस पर इन्कम टैक्स के छापे डलवा रही है।