आपकी आवाज सुनकर बता देगी बीमारी, ऐसे काम करेगी ये मशीन
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आजकल की भागदौड़ भरी इस लाइफ में आप जितनी मेहनत करते है उतनी ही मेहनत करती है बीमारियां। बीमारियों का कोई भरोसा नहीं होता ये कब आप पर अटैक कर दे। कई लोगों को तो काम करने में पता ही नहीं चलता कि वो बीमार है भी या नहीं लेकिन जरा सोचिए कैसा हो कि कोई आपकी आवाज़ को सुनकर ही आपकी बीमारी बता दें।
आप कहेंगे कि ऐसा तो वो ही कर सकते है जो आपको बहुत अच्छे से जानता है लेकिन जरा सोचिए क्या कोई मशीन ऐसा कर सकती है। शायद यह मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है। यूएस स्थित एक स्टार्ट-अप ऐसी मशीन बना रहा है जिसके जरिए बातचीत के दौरान यह जानकारी प्राप्त की जा सके कि आपको न्यूरॉलजिकल और काग्निटिव डिजीज तो नहीं है।
ट्रीट करना होगा आसान
पिछले काफी समय से लगातार ऐसे मेडिकल केस सामने आ रहे हैं, जिनमें बीमारी क्रॉनिक हो जाने के बाद उसके बारे में सही-सही जानकारी हासिल करना मुश्किल हो जाता है। इससे पेशंट को सही ट्रीटमेंट नहीं मिल पाता है। इस तकनीक की मदद से लक्षणों को समझकर डॉक्टर्स के लिए पेशंट को ट्रीट करना आसान हो जाएगा।
पुरानी बातचीत से करेगी तुलना
यह मशीन फिलहाल टेस्टिंग प्रोसेस से गुजर रही है। वॉइस अनैलेसिस का प्रयोग कमर्शल सेटिंग्स में पहले से किया जा रहा है। इस सेटअप के जरिए कंज्यूमर सर्विंग स्टाफ और कंज्यूमर के बीच हुई बातचीत पर स्टडी की जा रही है। एक्सपर्ट्स रियल टाइम कॉन्वरसेशन पर फोकस कर रहे हैं। इस मशीन का लर्निंग सॉफ्टवेयर अपने पुराने डेटाबेस के आधार पर नई बातचीत की तुलना पुरानी बातचीत से करता है।
टॉकिंग टोन में सुधार की सलाह भी देगा
स्टडी का एक खास पॉइंट इमोशल इंटेलजन्स है। इसके जरिए आगे बढ़ रही बातचीत के आधार पर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि सही तरीके से सलाह कैसे दी जाए और गाइडेंस देने का सही तरीका क्या है, ताकि सर्विस प्रवाइडर की टोन या लहजे में सुधार की सलाह दी जा सके। जिन जगहों पर अब तक स्टडी की गई है, वहां जरूरी सुधार के बाद कंज्यूमर की संतुष्टि 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है।
कर्मशियल क्षेत्र में सफल प्रयोग के बाद अब मेडिकल क्षेत्र के लिए इस मशीन को तैयार कर रहे स्टार्ट-अप ’केनरी स्पीच’ ने ऐसी मशीन लगभग तैयार कर ली है, जो बीमारियों का पता भी पेशंट के बातचीत के लहजे के द्वारा लगा सकेगी। इस जांच का आधार बातचीत के दौरान मरीज द्वारा बोले गए शब्दों का उच्चारण होगा। इस मशीन के आने के बाद हो सकता है बीमारियों के जल्द ही पता लग जाने पर उनका सही तरीके से और जल्द ही इलाज हो जाएगा।
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