अब उंगलियों से होगा पेमेंट, सरकार ने कर लिया ऐसा एप तैयार
नोटबंदी के बाद से ही मोदी सरकार डिजिटल पेमेंट पर जोर दे रही है। इसके लिए सरकार नए-नए तरीके अपना रही हैं। हालांकि देश के कुछ क्षेत्र तो पीएम मोदी के इस प्लान पर काम कर रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी ओर देश के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां पर निरक्षता और जागरूकता की कमी वजह से लोग को डिजिटल भुगतान करने में परेशानी हो रही है। जनता की इसी परेशानी को दूर करने के लिए सरकार ने ‘आधार पे’ नाम से एक एप तैयार किया है। जिसके ज़रिए अब ग्रामीण इलाकों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जा रहा है।
हालांकि इस एप को सरकार ने कुछ दिनों पहले ही बना लिया था लेकिन अब सरकार इस एप का लोगों के बीच प्रचार कर रही है। इस एप के माध्यम से अब डिजिटल भुगतान सिर्फ़ आपके फिगरप्रिंट के द्वारा हो जाएगा। बता दें कि आधार पे पहले से इस्तेमाल हो रहे आधार एनेबेल्ड पेमेंट सिस्टम का ही मर्चेंट वर्जन है।
ऐसे काम करेगा यह एप
इस एप के ज़रिए डिजिटल भुगतान करने के लिए पिन और पासवर्ड की जगह सिर्फ़ आधार नंबर की काफ़ी होगा। किसी भी तरह के भुगतान के लिए ग्राहकों को अपना आधार नंबर, बैंक का नाम ( जिससे पैसा कटवाना है) और फिंगरप्रिंट देना होगा।
इस मसले पर बात करते हुए UIDAI के CEO एबी पांडे ने बताया कि, ”आधार पे’ सभी एड्रॉयड फोन पर चलता है। इसके लिए केवल फिंगर बायोमेट्रिक डिवाइस जुड़ी होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, ”इसके ज़रिए बिना कार्ड और पिन के कैशलेस पेमेंट किया जा सकता है। कस्टमर्स के पास स्मार्टफोन होने की कोई ज़रूरत नहीं है।”
दुकानदारों को बैंकों से जोड़ना चाहती है सरकार
मोदी सरकार का मकसद है कि इस एप का ज़्यादा से ज़्यादा प्रचार दुकानदारों के बीच हो। इसके लिए सरकार ने बैंकों से हर शाखा में 30-40 व्यापारियों को जोड़ने को कहा है। बता दें कि अभी तक पांच बैंक (आंध्रा बैंक, आईडीएफसी बैंक, सिंडीकेट, एसबीआई और इंडसइंड बैंक) आधार पे से जुड़ चुके हैं। वहीं कई बैंकों की जल्द जुड़ने की उम्मीद है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आधार पे के ज़रिए भुगतान स्वीकारने के लिए दुकानदारों को 2000 रुपए की कीमत वाला बायोमेट्रिक डिवाइस लेना पड़ेगा। सरकार ऐसे मॉडल पर काम कर रही है जिससे डिवाइस की कीमत को मर्चेंट्स से धीरे-धीरे वसूला जाए।
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