बंदर और सूअर खाते है, ऐसी है इस जनजाति की लाइफ
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आज हम 21वीं सदीं में रह रहे है। हमारे पास खाने को खाना, पहनने को कपड़े, और रहने को घर है। लेकिन दुनिया में कई लोग ऐसे है जिनके पास कुछ भी नहीं है। जी हां, हम बात कर रहे है ‘अमेजन जनजातियों ‘ की जिनके पास कुछ भी नहीं है। यह लोग न तो अपने तन पर कपड़ा पहनते है और न ही इनके पास रहने को कोई घर है। इन्हें दुनिया से कोई मतलब नहीं है। घने जंगलो में रहने वाली इस जनजाति के लोगों की संभवतः पहली बार तस्वीर सार्वजनिक रूप से सामने आई है।
समय के साथ-साथ जंगलों में रहने वाली जनजातियों के लोगों ने अपने आपको बदल लिया है। वह लोग भी अब सामान्य लोगो की तरह रहना शुरु कर दिया हैं। लेकिन ब्राजील के अमेजन जंगलो में रहने वाले जनजाति के लोगों को जंगल में खाने के लिए कोई रेस्टोरेंट नहीं है। वह वर्षा होने वाले जगलों में रहते है और वह खाने के लिए जंगलों मे बंदर और सूअर को मार कर खाते है।
इतने साल पुराने समय में रहते है
ब्रिटिश फोटोग्राफर पीटे ओक्सफ़ोर्ड ने बताया कि हुओरनी लोग जंगल के पर्यावरण के धुन में रहते है। वह कहते है कि अमेजन जंगल में रहने वाले जनजातियों को देखकर लगता है कि मानों वह 2000 हजार साल पुराने दौर में रह रहे हो। हुओरनी लोग पेरु बॉर्डर के पास रियो नेपो के पास रहते हैं । वे लोग आज सरल जीवन के लिए अपनी संस्कृति में क्रांतिकारी परिवर्तन कर रहे है। उन्होंने अपने क्षेत्र के भीतर तेल की खोज कर ली है ।
हुओरनी या वोस के रुप में जाना जाता हैं । यहां लगभग 4000 प्रजातियां रहतीं है। यह सभी हुओरनी भाषा बोलते है, जो अन्य किसी भी भाषा से सबंधित नहीं है। वहां के लोग चिडियां के पंख से बच्चों के लिए नेकलेस बनाते है। इन नेकलेसो को वह वहां घुमने आने वाले टुरिस्टों को बेचते हैं। वह लोग फैशन के लिए लकड़ियों से बनी अगुंठी और कानों में इयर रिंग पहनते है।
Courtesy-Dailymail
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