साउथ इंडियन सुपरहिट फ़िल्म ’ओके कनमनी (2015)’ का हिन्दी रीमेक है ’ओके जानू’।जिसके डायरेक्टर शाद अली और निर्देशक मणि रत्नम ने “आशिक़ी 2” की फेम जोडी़ को कास्ट किया। इससे पहले शाद अली और मणि रत्नम कि जोड़ी ’दिल से’ ’गुरू’ ’रावण’ और ’साथियां’ जैसी मूवी पर साथ काम कर चुके है। अब सवाल ये है कि, क्या वाकई ’ओके जानू’ ’ओके कनमनी’ जैसा रिस्पॉन्स दे पायेगी?
क्या है फ़िल्म कि कहानी
ये कहानी आदि (आदित्य रॉय कपूर) और तारा(श्रद्धा कपूर) की हैं, जो मुंबई के रेलवे स्टेशन पर मिलते है। आदि(आदित्य) को गेमिंग का शौक़ है जिसके सॉफ्टवेयर को डेवलप करने के लिए वो अमेरिका जाना चाहता है और वहीं तारा (श्रध्द्धा) एक आर्किटेक्ट है जिसका सपना पेरिस जाने का है। दोनों रहना तो साथ चाहते हैं लेकिन, शादी नाम का शब्द दोनों की डिक्शनरी में है ही नहीं। तारा अपने हॉंस्टल से आदि के किराये वाले घर में शिफ़्ट हो जाती है, जिनके मकान मालिक गोपी श्रीवास्तव (नसीरूद्दीन शाह) अपनी वाइफ के साथ उसी घर में रहते हैं कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब आदि को अमेरिका जाने का मौका मिल जाता है पर तब तक ये दोनों एक दूसरे को बिना प्यार का इज़हार किए एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करने लगते हैं अब क्या ये दोनों मिल पाएंगे, या नही ? कहानी में कुछ अलग ट्विस्ट आता है? जानने के लिए आपको फ़िल्म देखनी होगी।
क्यों देखें?
यदि आप रहमान के फै़न है तो आप ये फ़िल्म देख़ सकते हैं, इस फ़िल्म की सिनेमेटोग्राफ़ देखने भी आप जा सकते है। इसके अलावा आप श्रध्दा या आदित्य के फ़ैन है तब तो आप ये फ़िल्म देखने ज़रूर जाइएगा। अच्छी सिनेमेटोग्राफ़ी और ए ़आर ़रहमान के बेहतर काम के लिए इस फ़िल्म को पॉच में से ढ़ाई स्टार।
क्यों न देखें?
आदित्य और श्रद्धा कि केमेस्ट्री और अच्छी हों सकती थी, कुछ किरदारों कि कास्टिंग थोड़ी और फी़की नज़र आई । कहानी को भी थोड़ा और बेहतर बनाया जा सकता था।