मॉर्डन हुआ सिद्धिविनायक, भेंट के साथ चढ़ेंगे शेयर
अब तक आपने मंदिरों में प्रसाद, भेंट, दान, चादर, चुनरी आदि चीजे चढ़ाई होंगी। इन भेंट को चढ़ाने के पीछे कहा जाता है कि जिसकी भी मन्नत पूरी हो जाती हैं वो लोग ये भेंट चढ़ाते है और कुछ लोग अपनी मन्नत पूरी करवाने के लिए भेंट चढ़ाते हैं। लेकिन मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में भेंट चढ़ाने का तरीका अब बदल चुका हैं। यहां पर सिद्धिविनायक को खुश करने के लिए आप अभी तक पैसा और चढ़ावा चढ़ाते थे लेकिन अब यहां भगवान को चढ़ावा थोड़े मॉर्डन अवतार में चढ़ेगा।
शेयर चढ़ाने से भगवान होंगे खुश
दरअसल मुंबई के सिद्धिविनायक भगवान के मंदिर में पहले तो पैसा और चढ़ावा ही चढ़ता था लेकिन अब से यहां पर आप अपने शेयर भी दान करते है इसके लिए बकायदा सिद्धिविनायक का डीमैट अकाउंट भी बनाया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिसकी मन्नत पूरी होती है वो भी सिद्धिविनायक को चढ़ावा चढ़ाता है और जिसे मन्नत मांगनी होती है वो भी चढ़ावा चढाए बिना सिद्धिविनायक की दर से नहीं लौटता। इसीलिए मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर देश के अमीर मंदिरों में से एक है।
कैसे होगा शेयर दान
डीमैट का मतलब ये है कि आप शेयर के जरिए सिद्धिविनायक को चढ़ावा चढा सकते हैं. पैसे देने की जरूरत नहीं हैं. आप शेयर खरीदिए और सिद्धिविनायक मंदिर के डीमैट अकाउंट में ईडोनेशन प्लेटफॉर्म से ट्रांसफर कर दीजिए. आपको अगर 100 रुपये का चढ़ावा चढ़ाना है तो आप डीमैट अकाउंट से किसी कंपनी का शेयर खरीदिए और उसे ट्रांसफर कर दीजिए मंदिर के डीमैट अकाउंट में. आपका चढ़ावा सिद्धिविनायक स्वीकार कर लेंगे.
पेपर डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं
इसके लिए आपको मंदिर आने की जरूरत नहीं। किसी कागज-पर्ची की भी जरूरत नहीं। दुनिया के किसी कोने से आप सिद्धिविनायक को चढ़ावा चढा सकते हैं। एसबीआईसीएपी सिक्योरिटीज में शेयर वाला अकाउंट श्री सिद्धिविनायक गणपति टेंपल ट्रस्ट प्रभा देवी, मुंबई के नाम से खुला है.
पहली बार शेयर सुविधा
मंदिर में हर साल करीब 75 करोड़ का चढ़ावा चढ़ता है। मंदिर के पास 160 किलो सोना है। 44 किलो सोना सरकार की गोल्ड बांड स्कीम में जमा है। वहीं, 125 करोड़ की एफडी भी है अब सिद्धिविनायक में शेयर भी जुड जाएंगे। अभी तो शेयर से शुरूआत हुई है. आगे म्युचुअल फंड, गोल्ड इटीएफ लाने की भी तैयारी है। इससे पहले तिरुपति बालाजी मंदिर ने भी दान और चढावे के लिए डीमैट अकाउंट खोला था। सीएसडीएल के प्रबंध निदेशक और सीईओ पी.एस. रेड्डी ने उम्मीद जताई कि महाराष्ट्र राज्य में एक मंदिर न्यास की तरफ से पहली बार श्रद्धालुओं को नई सुविधा दी जा रही है जिसका लोग लाभ उठाएंगे।