जिस उम्र में बच्चे दसवीं पास करते हैं, उसी 15 वर्ष की उम्र में एक होनहार बच्चे ने ग्रेजुएशन पूरी कर रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। गुजरात टेक्नीकल यूनिवर्सिटी से अपनी बैचलर इन इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी कर गुजरात के निर्भय ठाकुर अब तक के सबसे कम उम्र के ग्रेजुएट बन गए हैं। उनकी इस उपलब्धि ने सबको हैरत में डाल दिया है। उन्होंने बीई इलेक्ट्रिकल से अपना ग्रेजुएशन किया है।
निर्भय की एजुकेशन कक्षा 8वीं से शुरू हुई जब उन्होने जामनगर के राज्य बोर्ड से 7वीं परीक्षा पास कर ली थी। निर्भय के पिता जामनगर के एक प्राइवेट फर्म में इंजीनियर थे। निर्भय ने 6 महीने में कक्षा 8वीं से कक्षा 10वीं और अगले 3 महीनों में 11वीं और 12वीं पास की जो International General Certificate of Secondary Education (IGCSE) के अंतर्गत आती है जिसे माध्यमिक शिक्षा (आईजीसीएसई) प्रणाली के द्वारा चलाया जा रहा है। निर्भय को अब एसएएल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में भर्ती कराया गया है।
निर्भय अपनी इस उपलब्धि का सारा श्रेय अपने पिता को देता है। उसके पिता ने 36 वर्ष की उम्र में अपनी नौकरी छोड़ दी थी ताकि वह अपने बच्चों पर ध्यान दे सकें। निर्भय के पिता कहते हैं कोई भी बच्चा कमजोर या बेवकूफ नहीं होता है। सभी कुछ निर्भर करता है कि कैसे किसी बच्चे को ट्रीट करते है।
निर्भय के पिता कहते हैं कि जब पारंपरिक परीक्षाएं केवल विद्यार्थियों की स्मृति परीक्षण पर ध्यान केंद्रित करती हैं, हमने एक विधि तैयार की जिसे निर्भय सही मायने में अंक से निडर हो गया और सीखने के बजाय वह अपना ध्यान न केवल पढ़ाई कर बल्कि कल्पना करने और खोजने में ध्यान केंद्रित करने लगा। इससे वह कम समय में बहुत कुछ सीखने लग गया। भविष्य में, वह अगली पीढ़ी के अत्याधुनिक हथियार विकसित करने के लिए रक्षा क्षेत्र के साथ काम करना चाहते है।