अब सरकार बिल्डर्स पर लगाम कसने में जुटी है। मध्यप्रदेश सहित देश में एक मई से लागू हुए रेरा (Real Estate Regulatory Authority) भू-संपदा अधिनियम 2016 के तहत अब रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट्स को रेरा ऑथिरिटी में रजिस्टर्ड कराना जरूरी हो गया है। जानकारी के अनुसार कोई भी प्रोजेक्ट हो, किसी भी रूप में उसकी मार्केटिंगं या उसका एडवरटाइमेंट करने से पहले प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन रेरा में कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के बिना ऐसा करना अवैधानिक होगा।
इस संबंध में खरीददार के लिए ये बेहतर होगा कि वह किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले ये चैक कर लें कि उसका रजिस्ट्रेशन रेरा में है य नहीं। प्रोजेक्ट के विज्ञापन के साथ रेरा प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त पंजीयन क्रमांक को देखकर इसकी पुष्टि की जा सकती हैं। रेरा प्राधिकरण द्वारा नागरिकों को सलाह दी गई हैं कि वे किसी भी प्रोजेक्ट का, रेरा में पंजीयन होने की पुष्टि के बाद ही, बुकिंग, क्रय सम्बन्धी कार्यवाही करे।
मध्यप्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी की परिधि में वे परियोजनाएँ आयेंगी, जो भविष्य में बनना प्रस्तावित है या फिर 30 अप्रैल 2017 को अपूर्ण थी अर्थात जिनको पूर्णता प्रमाण-पत्र नगर निगम द्वारा जारी नहीं किया गया हो। वर्तमान में प्रचलित अपूर्ण रियल स्टेट के प्रोजेक्टस् को भी अथॉरिटी के समक्ष 31 जुलाई तक पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया हैं।