चीन हर तरह से भारत को दबाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन डोकलाम में चीन के साथ जारी तनाव के मामले में जापान ने भारत को समर्थन दिया है। जापान ने कहा है कि विवादित क्षेत्र में पूर्व की स्थिति को बदलने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। बता दें कि सिक्किम,तिब्बत,भूटान ट्राइजंक्शन इलाके में स्थित डोकलाम में चीन ने सड़क निर्माण की कोशिश की थी। यह क्षेत्र भूटान का है, जिसके बाद भारतीय सेना ने सामरिक नजरिए, से बेहद अहम इस इलाके में पीएलए को सड़क बनाने से रोक दिया था। इसके बाद करीब दो महीने से भारत और चीन की सेनाएं आमने.सामने डटी हुई हैं।
भारत यह कहता रहा है कि चीन ने सड़क निर्माण की कोशिश करके उसके और भूटान के साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया है। जापान के ताजा बयान से भारत को इस मामले में नैतिक समर्थन मिला है। भारत इस मामले में बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण हल निकालने की पैरवी भी करता रहा है। जापान ने यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त में दी है, जब अमेरिका ने भी इस मुद्दे को हल करने के लिए जमीनी क्षेत्र में बिना एकतरफा बदलाव किए चीन और भारत को सीधी बातचीत करने की सलाह दी है। अमेरिका के इस रुख को भी एक्सपर्ट भारत के समर्थन में मानते हैं। अमेरिका का आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन का दर्जा देना भी पाकिस्तान और उसके हिमायती चीन के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
जापान ने कहा है कि वह मामले पर नजदीक से नजर रखे हुए है। जापान की ओर से कहा गया है जहां तक भारत की भूमिका का सवाल है, हम समझते हैं कि भूटान के साथ द्विपक्षीय समझौते की वजह से भारत ने इस मामले में दखल दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने साफ कर दिया कि भारत डिप्लोमैटिक चैनल्स के जरिए चीन के साथ बातचीत की कोशिश जारी रखेगा। हम मानते हैं कि मामले के शांतिपूर्ण हल के लिए यह रुख जरूरी है।
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका और जापान का यह रूख चीन के सरकारी मीडिया और कुछ अधिकारियों की ओर से दिए गए भड़काऊ बयानों और जंग की धमकियों के बाद सामने आया है। भारत विवादित इलाके में अपनी पोजीशन छोड़ने को तैयार नहीं हैं। क्योंकि इस इलाके में भारतीय फौज को रणनीतिक बढ़त हासिल हैं। इसी वजह से चीन यहां सड़कें बनाकर अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश कर रहा था।