पीएम मोदी अपने हर काम को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते है। वह दूसरों के हर काम को पूरा समर्थन देते हैं और उसे पूरा भी करते हैं। लेकिन इस बार पीएम मोदी ने अपने हाथ खड़े कर लिए। दरअसल तमिलनाडु के सीएम पन्नीरसेल्वम जलीकट्टू के मुद्दे को सुलझाने और समर्थन के लिए पीएम से मिलने दिल्ली आएं ।
तमिलनाडु में सांडो को काबू करने के पारंपरिक खेल जलीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाद से पूरे प्रदेश में आंदोलन हो रहें हैं। चेन्नई के मरीना बीच पर बुधवार से ही प्रदर्शन हो रहा है। प्रदेश भर में अलग-अलग जगह प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। लोगों में बढ़ते रोष को देखतें हुए मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने पीएम नरेंद्र मोदी से गुरुवार को मुलाकात करने दिल्ली आएं। मुख्यमंत्री ने पीएम से मुलाकात कर कहा कि जलीकट्टू पर बैन को हटाने के लिए केंद्र सरकार को एक आध्यादेश लाने की मांग की है। लेकिन पीएम मोदी ने इस मांग पर रजामंदी नहीं दी । पीएम ने कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते क्योंकि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
पीएम मोदी ने कहा कि वह जलीकट्टू पर्व के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझते हैं। लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु में सुखे की स्थिति से निपटने के लिए पीएम ने पन्नीरसेल्वम को मदद का भरोसा दिया हैं। साथ ही एक केंद्रीय टीम का गठन सूखे की स्थिति का जायजा लेने के लिए किया हैं।
विरोध की वजह
तमिलनाडु में कई वर्षो से पोंगल के बाद जलीकट्टू पर्व का आयोजन होता आ रहा है। इस पर्व पर युवा सांडों को काबू करते है। इसी दौरान कई लोगो को चोट लग जाती है और कई लोगों की मौत भी हो जाती हैं । दरअसल पशु अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स पेटा ने इस खेल के दौरान पशुओं के साथ होते अव्यवहार के कारण उसी के याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में इस खेल पर बैन लगा दिया था।
तब से ही तमिलनाडु सरकार ने केंद्र से बैन हटाने की मांग की थी । केंद्र सरकार ने 8 जनवरी को एक नोटिफिकेशन जारी कर पाबंदी हटा दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में क्रेद्र के फैसले को चैलेंज किया गया था। जिसके बाद कोर्ट ने इन याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा लिया था। जिस पर अभी तक कोई डिसीजन नहीं हुआ।