ONGC कर सकती है देश की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी का अधिग्रहण
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इन दिनों कंपनियों के अधिग्रहण के विलय और अधिग्रहण के मामले काफी ज़्यादा सुर्खियों में है। कुछ दिनों पहले ही आइडिया और वोडाफोन के विलय की घोषणा हुई थी इसके बाद एयरटेल और टेलीनॉर। पहले तो आपने टेलीकॉम कंपनियों के मर्जर के बारे में सुना था लेकिन अब भारत की बड़ी तेल कंपनी एक बड़ी तेल कंपनी का अधिग्रहण करने जा रही है।
सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचूरल गैस कॉरपोरेशन भारत की तीसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड का अधिग्रहण कर सकती है। ओएनजीसी इसके लिए 44,000 करोड़ रुपए (6.6 अरब डॉलर) खर्च करेगी। सरकार की देश में एक एकीकृत बड़ी तेल कंपनी बनाने की योजना के तहत इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा बजट भाषण में एक एकीकृत ऑयल कंपनी बनाने की घोषणा के तहत भारत की सबसे बड़ी ऑयल और गैस उत्पादक ओएनजीसी एचपीसीएल में सरकार की संपूर्ण 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद सकती है। एचपीसीएल के अन्य शेयरधारकों से अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक सरकार एक एकीकृत ऑयल कंपनी बनाने की योजना पर काम कर रही है और इसके पीछे विचार है कि एक ऑयल उत्पादक कंपनी का विलय रिफाइनरी कंपनी के साथ किया जाए। आपको बता दें कि इस सेक्टर में केवल छह सरकारी कंपनियां हैं, जिनमें ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड ऑयल उत्पादक हैं।
इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी), एचपीसीएल और भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल) रिफाइनरी बिजनेस में हैं। गेल मिडस्ट्रीम गैस ट्रांसपोर्टेशन बिजनेस में कार्यरत है। अन्य कंपनियां जैसे ओएनजीसी विदेश, चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्प, नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड और मैंगलोर रिफाइनरी इन छह पीएसयू में से किसी न किसी की एसोसिएट हैं। इसलिए यहां विकल्प बहुत सीमित हैं। एक विकल्प है कि एचपीसीलए और बीपीसीएल को ओएनजीसी के साथ विलय कर दिया जाए। वहीं दूसरी ओर आईओसी को ऑयल इंडिया के साथ विलय कर दिया जाए। इससे देश में दो बड़ी और एकीकृत ऑयल कंपनियों का उदय होगा।
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