Wednesday, September 13th, 2017 02:50:06
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महज 900 रूपए की इंवेस्टमेंट से अब “हीरा” होगा आपके हाथों में




महज 900 रूपए की इंवेस्टमेंट से अब “हीरा” होगा आपके हाथों मेंBusiness

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वो लोग जो हमेशा सोचते हैं कि हीरा खरीदना उनके बस की बात नहीं है, अब उन्हें खुश हो जाना चाहिए। क्योंकि अब वे हीरा आसानी से खरीद सकते हैं। वो भी हर महीने महज 900 रूपए के इंवेस्टमेंट से। हाल ही में इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX) को सेबी से दुनिया का सबसे पहला डायमंड ट्रेउिंग मार्केट शुरू करने की इजाजत मिल गई है जो हीरा खरीदने के लिए खुदरा उपभोक्ताओं के लिए एसआईपी शुरू करने जा रहा है।। आईसेक्स अब सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान शुरू करने जा रहा है, ताकि अब हीरा खरीदने की चाह रखने वाले लोग आसानी से हीरा खरीद सकें। पैसा 2.5 साल तक जमा करना होगा। अभी तक भारतीय निवेशक केवल म्युचुअल फंड और गोल्ड को एसआईपी के जरिए खरीद सकते थे।

खुलवाना होगा एक अकाउंट-

डायमंड एसआईपी स्कीम के तहत बायर को आईसीएक्स के ब्राकेर के साथ एक अकाउंट खुलवाना होगा। फिर नो योर क्लाइंट की प्रोसेस पूरा करने के बाद ब्रोकर के पास कुछ पैसे जमा कराने होंगे। बायर को ये बताना भी जरूरी होगा कि ब्रोकर हर महीने उसके लिए किस तारीख को हीरा खरीदें। बता दें कि डायमंड एसआईपी भारत में ही शुरू हो रहा है। इसके अलावा ये दुनिया में कहीं नहीं है। यानि की भारतवासियों का सौभाग्य है कि इसके तहत अब वे कम कीमत में हीरा खरीद सकेंगे।

 

तीन अलग-अलग शेप के डायमंड की होगी ट्रेडिंग –

आईसीएक्स तीन अलग-अलग शेप के डायमंड की ट्रेडिंग शुरू कर रहा है। 30 सेंट, 50 सेंट और 100 सेंट (एक कैरेट)। स्टॉक मार्केट की तरह ही डायमंड कॉन्ट्रैक्ट की ट्रेडिंग भी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में ही होगी जिसे आम तौर पर डीमैट कहा जाता है। चूंकि डायमंड डीमैट फॉर्म में उपलब्ध होगा, इसलिए खरीदार के हक में एक बात रहेगी कि वह चाहे तो 1 सेंट हीरा भी खरीद सकताहै। खरीदार हीरे को फिजिकल फॉर्म में कन्वर्ट तभी करवा सकता है जब उसके डीमैट अकाउंट में इसका वजन कम-से-कम 30 सेंट तक हो जाएगा। 50 सेंट और 1 कैरेट हीरे के लिए भी इसी तरह की एसआईपी स्कीम उपलब्ध होगी।

हर महीने करना होगा 900 रूपए का इंवेस्टमेंट

मौजूदा मूल्य के मुताबिक, 30 सेंट डायमंड की कीमत 24,000 रुपये है यानी 900 रुपये प्रति सेंट। अगर कोई व्यक्ति 30 महीने तक हर महीने 900 रुपये निवेश करता है तो ढाई साल बाद हीरा उसके हाथ में आ जाएगा। हालांकि, आईसीईएक्स में हीरे की कीमत के आधार पर प्रति महीने एसआईपी की रकम कम-ज्यादा हो सकती है। ईसीआईसी के अधिकारी ने बताया कि अगर निवेशक कुछ महीनों बाद एसआईपी की रकम नहीं दे पाता है तो शेयरों की तरह ही वह जितने वजन का हीरा खरीद चुका है, वह उसके डीमैट अकाउंट में बना रहेगा। फिर जब चाहे, वह दोबारा खरीदारी शुरू कर सकता है।

आईसीईएक्स सीईओ संजीत प्रसाद ने बताया कि हीरा कारोबार की दुनिया की दिग्गज कंपनी डी बीयर्स हीरे की शुद्धता, गुणवत्ता, कट, पॉलिस आदि का सर्टिफिकेट देगी। दुनिया की सबसे बड़ी डायमंड कूरियर कंपनी माल्का अपनी भारतीय यूनिट माल्का ऐमिट खरीदार तक हीरा पहुंचाएगी।

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