आरक्षण के नाम पर दहका नागालैंड
स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं को आरक्षण देने की वजह से नागालैंड में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। जो कि गुरुवार को और भी उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने नागालैंड की राजधानी कोहिमा में नगर निगम और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर समेत कई सरकारी दफ़्तरों और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
बहरहाल, बिगड़ते हालातों को देखते हुए असम राइफ़ल्स की 5 टुकड़ियों की तैनाती की गई है। इसके साथ ही सेना को अलर्ट रहने के आदेश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि सरकार स्थिति को सामान्य करने में जुटी हुई है।
इंटरनेट पर लगा बैन
बिगड़ते हालातों के मद्देनजर अभी राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही कुछ इलाकों में इलाक़ों में धारा 144 लगा दी गई है। कोहिमा और दीमापुर अभी भी बंद है।
कैसे उग्र हुआ ये प्रदर्शन
-बता दें कि साल 2012 में नागा मदर्स संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी कि वो नागालैंड सरकार को अर्बन लोकल बॉडी में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण मुहैया कराने के लिये निर्देश जारी करे।
-अप्रैल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने नागा मदर्स संगठन के पक्ष में फै़सला सुनाया। जिसके बाद नगालैंड सरकान ने अर्बन लोकल बॉडी में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण देने का प्रस्ताव पेश किया।
-लेकिन नागालैंड की कई जनजातीय परिषदों का कहना है कि ये प्रावधान अनुच्छेद 371 ए के तहत नागा लोगों के अधिकार मिले हैं उसका उल्लंघन हो रहा है।
-हालांकि 30 जनवरी को नागालैंड बैपटिस्ट काउंसिल ने नगालैंड सरकार और ज्वाइंट कोआर्डिनेशन कमेटी के बीच मध्यस्ता हुई थी। दोनों पक्षों के बीच बचाव का रास्ता ये निकाला गया कि जनजातीय परिषदें अपनी विरोध प्रदर्शन बंद कर देंगी और सरकार चुनावों को दो महीनों के लिए टाल देगी।
-लेकिन गुवाहाटी कोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने चुनावों को टालने से इंकार कर दिया।
-31 जनवरी की रात में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक संघर्ष में दो लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद हिंसा और भड़क उठी। जिसके बाद बुधवार एक फरवरी को हालात को नियंत्रित करने के लिए नागालैंड सरकार ने सभी 12 अर्बन लोकल बॉडी में चुनाव कराने पर रोक लगा दी है।
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