खत्म हुआ ब्रिक्स सम्मेलन, आतंकवाद का मुद्दा रहा अहम
ब्रिक्स देशों का 8वां सम्मेलन रविवार को संपन्न हो चुका है। इस सम्मेलन में आतंकवाद का मुद्दा अहम रहा है।ब्रिक्स देश आतंकवाद के ख़िलाफ़ साझा अभियान के लिए भी राजी हो गए हैं। सम्मेलन के समाप्त होने के बाद जारी घोषणापत्र को सभी देशों ने अपनाया। गोवा घोषणापत्र में कहा गया कि अपने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों को रोकने की जिम्मेदारी सभी देशों की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्रिक्स का यह सम्मेलन बेहद सफल रहा। बता दें कि रविवार को इस सम्मेलन के ज़रिए पीएम नरेन्द्र मोदी ने पाक का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा । ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात करते हुए मोदी ने कहा, ”हमारी समृद्धि के लिए आतंकवाद सबसे गंभीर खतरा है। विडंबना यह है कि भारत के पड़ोस में आतंकवाद की जन्मभूमि है।” मोदी ने आगे कहा, दुनिया भर के टेरर माड्यूल्स इस देश से संचालित होते हैं। यह देश न सिर्फ आतंकियों को पनाह देता है बल्कि आतंकी मानसिकता भी पालता है।
ब्रिक्स देशों से मोदी ने अपील की
पीएम मोदी ने ब्रिक्स देशों से अपील की है कि वे आतंकवाद को खत्म करने में भारत का सहयोग करें। मोदी ने कहा आतंकी मानसिकता सरेआम दावा करती है कि राजनीतिक फायदों के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल जायज है। हम इस मानसिकता की कड़ी निंदा करते हैं। आज बढ़ता आतंकवाद मिडिल ईस्ट, वेस्ट एशिया यूरोप और साउथ एशिया के लिए बड़ा खतरा है। इसीलिए ब्रिक्स देशों को चाहिए कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।
श्रीलंका के राष्ट्रपति से मिले मोदी
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना से मिले। और उसके बाद वे भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे से मिले। सूत्रों के अनुसार मोदी ने इन नेताओं के साथ कई अहम मुद्दों पर बात भी की है। बता दें कि श्रीलंका और भूटान ब्रिक्स के सदस्य नहीं है। इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष ब्रिक्स-बिमटेक आउटरीच सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए गोवा आए हैं। तोबगे और सिरीसेना के अलावा नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल प्रचंड और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भी गोवा पहुंच चुकी हैं।
रूस और भारत के बीच हुए 16 समझौते
बता दें कि ब्रिक्स सम्मेलन से पहले भारत और रूस के बीच रक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा समझौता हुआ है। दोनों देशों के बीच एस 400 खरीदने पर मुहर लगी। दोनों देशों के बीच गैस पाइपलाइन बिछाने की स्टडी कराने संबंधी समझौते पर भी दस्तखत हुए। इसके अलावा इसरो और रूसी स्पेस एजेंसी के बीच समझौता हुआ। हरियाणा, आंध्र प्रदेश में स्मार्ट सिटी बनाने पर भी दोनों देशों के बीच करार हुआ है। इसके साथ ही दोनों देशों में जहाज निर्माण, न्यूक्लियर एनर्जी जैसे तकरीबन 16 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। इतना ही नहीं रूस ने ये भी साफ़ कर दिया है कि वह भारत के मेक इन इंडिया मुहिम में भी साथ है। इस बैठक में मोदी ने इशारों ही इशारों में पाक पर निशाना साधते हुए कहा ,’’एक पुराना दोस्त दो पुराने दोस्तों से बेहतर होता है।’’ वहीं दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का साथ देने का एलान किया है। आतंकवाद पर जीरो टॉलरेन्स की नीति पर दोनों देशों ने सहमति जताई है।
क्या है ब्रिक्स सम्मेलन?
ब्रिक्स की स्थापना वर्ष 2011 में हुई थी। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका) देशों का एक ग्रुप है।इसमें शामिल देशों, जिनकी संयुक्त अनुमानित जीडीपी लगभग 16,000 अरब अमेरिकी डॉलर है। इस ग्रुप को बनाने का मकसद अपने इकॉनोमिक और पॉलिटिकल दबदबे से वेस्टर्न कंट्री के रुतबे को चुनौती देना है। ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।
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