ज़रूरी पॉइन्ट्स को हिन्दी या इंग्लिश में नहीं, इस भाषा में लिखते हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री होने के नाते नरेन्द्र मोदी को अक्सर मीटिंग्स का सामना करना होता है। कभी-कभी तो वह ख़ुद भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग करते हैं। जाहिर सी बात है कि इस दौरान उन्हें महत्वपूर्ण बातों को नोट भी करना होता है। बहरहाल यहां पर ख़ास बात यह है कि पीएम ज़रूरी पॉइन्ट्स को हिन्दी या इंग्लिश भाषा में नहीं बल्कि किसी और भाषा में नोट करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि हिन्दी और इंग्लिश के अलावा वो कौन सी भाषा है जिसे पीएम इस्तेमाल करते हैं? तो आपको बता दें कि यह भाषा है गुजराती। जी हां, गुजराती। पीएम मोदी भले ही वाराणसी सीट से लोकसभा के सदस्य हो लेकिन आज भी वह अपने गुजरात को नहीं भूले हैं।
गुजराती में नोट क्यों लिखते हैं पीएम?
पीएम मोदी ऐसा क्यों करते हैं इसके बारे में पुख्ता तौर पर तो कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन खबरों के अनुसार गुजराती भाषा में लिखने की एक दिलचस्प वजह ज़रूर है। कहा जाता है कि पीएम मोदी जब गुजराती भाषा में नोट्स लिखते हैं तो उन्हें किसी और के लिए पढ़ना संभव नहीं होता। ऐसे में पीएम कई महत्वपूर्ण जानकारियों को अपने तक ही सीमत रखने का काम आसानी से कर लेते हैं।
18 घंटे काम करते हैं पीएम मोदी
कुछ समय पहले सुनने में आया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रोज 18 घंटे काम करते हैं। ख़ास बात यह है कि वह ऐसा करने के लिए अपने मंत्रियों को भी प्रोत्साहित करते हैं। वहीं वह हर काम में सख़्ती बरतते हैं और ख़ुद ही सभी जरूरी कामों की मॉनिटरिंग भी करते हैं। बता दें कि पीएम मोदी के इस वर्किंग स्टाइल पर कई राजनीतिक विश्लेषक बात कर चुके हैं। यहां तक की विश्लेषक पीएम की तुलना किसी कॉर्पोरेट सीईओ के स्टाइल से भी कर चुके हैं।
सुबह 9 बजे दफ़्तर पहुंचते हैं मोदी
-रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम अपने काम के लिए रोज सुबह 5 बजे ही उठ जाते हैं। इसके बाद वह सबसे पहले चाय लेने के साथ-साथ इंटरनेट का इस्तेमाल देश-दुनिया की खबरें जानने के लिए करते हैं।
-फिर वह योगाभ्यास और मेडिटेशन भी करते हैं। यह सब करने के बाद 9 बजे पीएम अपने दफ्तर पहुंचते हैं और अपने निजी सचिव से दिनभर का ब्यौरा लेकर ज़रूरी कामों को पूरा करते हैं।
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