Saturday, August 26th, 2017
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स्टेनलेस स्टील के बनेंगे डिब्बे, तो नहीं होंगे रेल हादसे: ISSDA




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कुछ दिन पहले उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए उत्कल रेल हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इसके बाद 5 दिन के अंदर आज एक और रेल हादसा हुआ। जहंा ऑरैया के पास कैफियत एक्सप्रैस के 9 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 21 लोगों के घायल होने की खबर है। आए दिन बढ़ते इन रेल हादसों को लेकर इंडियन स्टेनलेस स्टील डवपमेंट एसोसिएशन ने रेल मंत्रालय को एक सलाह दी है।

आईएसएसडीए ने इन रेल हादसों का जिक्र करते हुए कहा है- कि अगर रेल के डिब्बे कार्बन स्टील के बजाए स्टेनलेस स्टील के होंगे तो ऐसी दर्दनाक घटनाओं को रोका जा सकता है। देश में अगर रेल डिब्बे कार्बन स्टील से नहीं बल्कि स्टेनलेस स्टील का बनाया जाए, तो इससे ट्रेन हादसों में कमी लाई जा सकती है। बता दें कि आईएसएसडीए देश में प्रमुख स्टेनलेस स्टील उत्पादकों की टॉप की आर्गेनाइजेशन है।

एशियाई देशों में इसलिए कम होते हैं रेल हादसे-

संगठन ने बताया है कि अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, जापान, कोरिया जैसे डवलप इकोनॉमी वाले देशों और एशियाई देशों में स्टेनलेस स्टील के डिब्बों का ही इस्तेमाल किया जाता है। वहां रेल के डिब्बे स्टेनलेस स्टील के ही बने होते हैं। फिलहाल रेलवे केवल राजधानी, शताब्दी और प्रीमियम रेलों के लिए ही एलएचबी डिजाइन में स्टेनलेस स्टील का उपयोग कर रही है। लेकिन ऐसा सभी रेलों के लिए करना चाहिए।

एलएचबी रेलवे कोच

स्टेनलेस स्टील के होंगे डिब्बे तो ऐसे रूकेंगे हादसे-

स्टेनलेस स्टील से बने डिब्बों की कई अच्छी खासियत हैं। एक तो ये कि एलएचबी के डिब्बों का डिजाइन ही कुछ इस तरह का होता है जिससे वे पटरीसे उतरने के बाद भी एक दूसरे पर नहीं चढ़ते। स्टेनलेस स्टील के डिब्बे मजबूत होते हैं और टक्कर के दौरान ज्यादा एनर्जी को सहन करने की क्षमता रखते हैं और बिना टूट-फूट के भी प्रभाव को झेल सकते हैं।

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