सरकार ने चलाई यह अनोखी एक्सप्रेस ट्रेन
विश्व के लिए खतरनाक होते जा रहे जलवायु मुद्दे को लेकर को लेकर भारत भी सचेत हो गया है। भारत ने देशभर के लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरुक करने व देश के दूरदराज के इलाकों के छात्रों को विज्ञान के आधुनिक चीजों के बारे में रुबरु कराने के मकसद से सरकार ने एक स्पेशल ट्रेन चलाई है। इस ट्रेन का नाम सांइस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन रखा गया है।
16 डिब्बों वाली यह स्पेशल ट्रेन देशभर के 68 स्टेशनों से गुजरेगी। साथ ही यह ट्रेन 19000 किलोमीटर की लंबी यात्रा पूरा करेगी। बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सयुंक्त राष्ट्र में सभी देशों को सम्बोधित करते हुए जलवायु के प्रति जल्द से जल्द सजग होने को कहा था।
हर कोच में होगी अलग-अलग थीम
शुक्रवार को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन से रवाना हुई साइंस एक्सप्रेस ट्रेन को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन व केंदीय पर्यावरण और वन राज्यमंत्री अनिल माधव दवे ने हरी झडी दिखाई। ट्रेन के हर एक डिब्बे की अलग-अलग थीम है और इसके जरिए यह कोशिश की गई है कि देशभर में पढ़ने वाले बच्चे क्लाइमेट चेंज के हर एक पहलू से रूबरू हो सकें। इस कार्यक्रम में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गोवा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की।
65 लाख गांवो में रहने वाले बच्चों और युवाओं को जागरुक करने का मकसद
पर्यावरण मंत्री अनिल दवे ने इस मौके पर कहा कि साइंस एक्सप्रेस का मकसद है देश के 6.5 लाख गांवों में रहने वाले बच्चों और युवाओं में क्लाइमेट चेंज को लेकर जागरूकता फैलाना। अनिल दवे ने कहा कि क्लाइमेट चेंज के खतरों के प्रति हर एक व्यक्ति को समझ पैदा करनी होगी और इससे बचने के उपायों को समय रहते अपनाना होगा। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि क्लाइमेट चेंज मानव जाति के सामने एक बड़ा खतरा है और हम सबको मिल जुलकर अपने प्रयासों से इस खतरे से निपटना पड़ेगा।
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विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि आने वाले दिनों में साइंस एक्सप्रेस की तर्ज पर 4 और ट्रेन चलाने पर विचार किया जा रहा है। नई दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना हुई साइंस एक्सप्रेस 8 सितंबर 2017 तक चलेगी। यह खास ट्रेन देशभर में 68 जगहों पर जाएगी और इस दौरान 19000 किलोमीटर का सफर तय करेगी। साइंस एक्सप्रेस के अंदर ही 40 साइंस एजुकेटर चल रहे हैं जो अलग-अलग जगहों पर छात्रों और युवाओं को प्रदर्शनी के बारे में समझाएंगे। एक अनुमान के मुताबिक इस प्रदर्शनी को देशभर में तकरीबन 30 लाख लोग देख पाएंगे।