3 करोड़ लोग हो चुके हैं शिकार, आपके स्मार्टफोन में घर बना रहा खतरनाक वायरस
बात ज़्यादा पुरानी नहीं है जब भारत समेत पूरा विश्व रैन्समवेयर नामक एक वायरस का शिकार हुआ था। इसने कई देशों के सिस्टम को हैक करने का दावा किया था। साथ ही इसके जरिए पूरा बैंकिंग नेटवर्क भी प्रभावित हुआ था। अब इसकी चर्चा नहीं हो रही है लेकिन इन दिनों आपके मोबाइल में एक वायरस जगह बना रहा है जिसका शिकार 3 करोड़ लोग हो चुके हैं।
हाल ही में ‘चेक पॉइन्ट’ नाम की एकरिसर्च फर्म ने दावा किया है कि ‘‘गूगल प्ले स्टोर में एक नए वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं और इसकी चपेट में तीन करोड़ से भी ज़्यादा एंड्राइड यूजर्स आ चुके हैं।’’ कंपनी का दावा है कि उसने ही प्ले स्टोर पर मौजूद इस नए मालवेयर वाइरस की पहचान कर गूगल को अलर्ट किया है और इस मालवेयर से लगभग 41 ऐप्स इंफेक्ट हो गई हैं।
जूडी मालवेयर
मालवेयर को “जूडी मालवेयर” का नाम दिया गया है। कंपनी ने अपने ब्लॉगपोस्ट में दावा किया है कि यह मालवेयर एक तरह का “ऑटो क्लिकिंग एडवेयर”।इसका मतलब है कि यह मालवेयर एंड्रॉइड यूजर्स को गलत एड्स लिंक पर किल्क कर उन्हें खोलने को मजबूर करता है। गलत एड लिंक पर किल्क होने के बाद यह ऐक्टिव हो जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक जितने ज्यादा क्लिक्स होते हैं, उतना ज्यादा ही रेवेन्यु इस मालवेयर को क्रिएट करने वालों के लिए जेनरेट होता। गूगल ने अब इस मालवेयर को अपनी प्ले स्टोर से हटाना शुरू कर दिया। वहीं रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि इसकी डाउनलोड रीच 40 लाख से बढ़कर 1.8 करोड़ तक पहुंच गई थी।
ऐसे काम करता है वायरस
यह मालवेयर कुछ टारगेटेड यूआरएस को खोलता है जिनसे एक कोड बनता है। इन पर होने वाले क्लिक्स से क्रिएटर के लिए पेमेंट जेनरेट होती है। ये ऐप्स को इंफेक्ट करता है जिसके बाद गलत लिंक आने लगते हैं।
बचाव का तरीका
रिपोर्ट्स के मुताबिक जूडी मालवेयर सीधे यूजर्स को प्रभावित नहीं करता लेकिन गलत लिंक्स पर क्लिक किए जाने से डिवाइस में मालवेयर या वाइरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में इससे बचाव का तरीका यही होगा कि अगर कोई लिंक आपके काम का नहीं है तो उस पर क्लिक न करें। आपको कई बार डेस्कटॉप, लैप्टॉप पर काम करने के दौरान भी यूजलेस एड्स दिखते होंगे। उन पर क्लिक न करना ही अच्छा विकल्प है। वहीं अपने डिवाइसिस-सिस्टम्स में एंटी वाइरस के साथ एंटी मालवेयर सोफ्टवेयर भी रखें। अपने ब्राउजर की सेटिंग्स के जरिए आप अपनी प्राइवेसी सिक्योरिटी को ज्यादा बेहतर बना सकते हैं। उदाहरण के लिए आप टूल्स का इस्तेमाल कर कई बेकार के एड्स को ब्लॉक कर सकते हैं।
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