पांच राज्यों में चुनाव होने की मुहिम काफी तेजी से चल रही है। इसी के साथ ही केंद्र सरकार एक फरवरी को बजट संसद में पेश करने जा रही है। चुनाव से पहले आम बजट पेश करने पर रोक लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है।
याचिका में कहा गया था कि अगर चुनाव से पहले बजट पेश होता है तो आम चुनाव प्रभावित होंगें अगर ऐसा हुआ तो यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का वायलेशन होगा। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को यह आदेश दे कि वह चुनाव खत्म होने के बाद ही बजट पेश करे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारजि कर दिया। इस फैसले के बाद अब यह पूरी तरह साफ हो गया है कि आम बजट 1 फरवरी को ही पेश होगा।
लुभावनी घोषणाओं से हो सकता है चुनाव प्रभावित
गौरतलब है कि अगले महीने से पांच राज्यों यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा व मणिपुर में चुनाव है जिसके चलते विपक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि अगर बजट चुनाव से पहले पेश किया तो केंद्र सरकार बजट में लुभावनी घोषणाएं कर चुनाव प्रभावित कर सकती है। इस संबंध में विपक्ष ने राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा था।
आपको बता दें कि एक बार पहले भी 2012 में विधानसभा चुनाव के कारण बजट को पेश करने में विलंब किया गया था। वर्ष 2012 में पांच राज्यों के चुनाव को लेकर विप़क्षी दलों की आपत्ति के बाद कांग्रेस ने बजट 28 फरवरी की बजाय 16 मार्च को पेश किया था और अब विपक्षी पार्टियों की भी यही मांग है।
विपक्षी दलों की इस आपत्ति पर चुनाव आयुक्त ने पहले ही साफ कर दिया था कि आम बजट और राज्यों के विधानसभा चुनाव दोनों अलग-अलग हैं। इससे चुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति और गोपाल स्वामी के अनुसार आम बजट तभी टल सकता है जब लोकसभा चुनाव हो। नेक्सट पेज पर पढ़ें बजट बनाने वाली टीम के बारे में…