पीएम मोदी कितने लोकप्रिय नेता है इस बात को सभी जानते हैं। आज भारत की अगर किसी नाम से पहचान है तो वो मोदीजी है। देश में मोदीजी के भक्तों की भी कमी नहीं है। हाल तो यहां तक हो गया है कि अगर वो परेशान भी हैं तो भी वो पीएम मोदी के बारे में कुछ नहीं सुनना चाहते। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं ऐसा कह रही है एक रिपोर्ट। आइए आपको इस रिपोर्ट के बारे में डिटेल में बताते हैं।
पिछले तीन सालों में नरेंद्र मोदी ने खूब सारी विदेश यात्राएं की। कई सारे कड़े फैसले लिए जिसमें नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक शामिल है। पीएम मोदी ने ये सब करके लोगों का दिल जीत लिया। इन सभी से जहां आम जनता परेशान हुई वहीं पीएम मोदी की लोकप्रियता भी बड़ी। लेकिन सिर्फ लोकप्रियता बड़ने से क्या होता है?
रोजगार की कमी
इंडिया टुडे के मूड ऑफ द नेशन पोल के मुताबिक मोदी की लोकप्रियता अभी भी सुप्रीम है। देश के करीब 12,178 लोगों का सर्वे किया गया जिसमें उनसे पीएम मोदी के बारे में पूछा गया। एक तरफ तो लोग मोदी को पसंद कर रहे हैं लेकिन 53 प्रतिशत लोगों का कहना है कि देश के आर्थिक संकट के पीछे लोगों के पास रोजगार न होना मुख्य कारण है।
60 पर्सेन्ट वोटर्स का मानना नोटबंदी से केवल नुकसान हुआ
इसके साथ ही लोगों का कहना है कि किसान कर्ज के कारण आत्महत्या कर रहे हैं, रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे की टमाटर, दाल, घी और सब्जियों के बढ़ते दामों के कारण लोग परेशान हैं। छह महीने पहले किए गए इस सर्वे के मुताबिक 17 प्रतिशत लोगों को नौकरी मिलने में अविश्वास है। करीब 60 प्रतिशत वोटर्स का मानना है कि पीएम मोदी द्वारा पिछले साल नवंबर में की गई नोटबंदी के कारण लोगों को केवल नुकसान ही हुआ है और इससे किसी को कोई फायदा नहीं हुआ है। इतनी परेशानियों के बावजूद भी लोग पीएम मोदी को खूब पसंद करते हैं।
खुश भी है और परेशान भी जनता
पीएम मोदी की इस प्रशंसा से साबित होता की लोग इस सरकार के काम को पसंद कर रहे हैं, फिर चाहे नोटबंदी के जरिए कालाधान सामने लाना हो या फिर भ्रष्ट-फ्री सरकार बने रहना हो, ये सब चीजें लोगों के बीच पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ा रही हैं। वहीं वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को मोदी केबिनेट का लोगों ने बेहतरीन पर्फोमर बताया है। सर्वे के मुताबिक अगर अभी लोकसभा चुनाव करा दिए जाएं तो एनडीए को 42 प्रतिशत वोट्स के साथ 349 सीट मिल सकती हैं। वहीं कांग्रेस की बात करें तो उन्हें 28 प्रतिशत वोट के साथ 75 सीट मिल सकती हैं।