शक्ति प्रदर्शन के दौरान विधायको ने दिखाई अपनी शक्ति
तमिलनाडु में शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में विधायकों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। विधायकों ने अपनी सारी मर्यादाएं तोड़ते हुए मेज, कुर्सियां और माइक तोड़ दिया। गुप्त मतदान की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर जारी हाथापाई से विधानसभा का एक कार्मचारी घायल हो गया। विधानसभा के अंदर हंगामा होने के कारण कार्यवाही पहले एक फिर तीन बजे तक के लिए स्थगित हो गई । बता दें यह सब हंगामा सीक्रेट वोटिंग ना करने के स्पीकर के फैसले के बाद हो रहा है।
बहुमत प्रस्ताव से पहले हुआ जमकर हंगामा
– मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने सदन में 11,40 पर बहुमत सबित करने के लिए प्रस्ताव पेश किया।
– प्रस्ताव पर वोटिंग शुरु होने के बाद विपक्षी पार्टियों ने विधानसभा में जोरदार हंगामा शुरु कर दिया।
– डीएमके, कांग्रेस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और पन्नीरसेल्वम गुट ने सीक्रेट बैलट वोटिंग की मांग ।
– विधानसभा स्पीकर ने विपक्षी पार्टियों की मांग खारिज कर दी और वोटिंग शुरु करने को कहा।
– डीएमके विधायकों ने हंगामा शुरु करते हुए विधानसभा में कागज फाड़े, कुर्सियां फेंकीं, माइक तोडे़।
-स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
– प्रस्ताव पेश होने से पहले ही तमिलनाडु विधानसभा बिलि्ंडग के सभी दरवाजे बंद कर दिए गए।
– डीएमके नेता स्टालिन ने फ्लोर टेस्ट किसी और दिन करने की मांग की रखी। साथ ही कहा कि गवर्नर ने जब 15 दिन का समय दिया है, तो फिर इतना जल्दबाजी क्यों?
– विधायको के खतरे को देखते हुए स्पीकर पी, धनपाल ने सभी को भरोसा दिलाते हुए कहा कि विधायकों को पूरी सिक्युरिटी दी जाएगी।
– पुलिस ने विधानयभा में मीडिया के जाने पर रोक लगा दिया। इसके कारण मीडियाकर्मियों और पुलिस में बहस हो गई।
29 साल पहले हुआ था फ्लोर टेस्ट
तमिलनाडु में जयललिता के मौत के बाद से शुरु हुई इस राजनीतिक संघर्ष पर विराम तो पलानीस्वामी के मुख्यमंत्री बनते ही खत्म हो गया था। लेकिन अभी भी उन्हें विधानसभा में बहुमत पेश करना है। तमिलनाडु में 29 साल पहले एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद एआईडीएमके में फुट पड़ गई थी और उस दौरान हुए फ्लोर टेस्ट में जयललिता की हार हो गई थी। हालाकि उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में वे जीतकर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनी।
पनीरसेल्वम ने विधायकों से विरोध में वोट देने को कहा
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने एआईडीएमके विधायकों से पलानीस्वामी के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विधायकों को परिवार राज का समर्थन नहीं करना चाहिए और विश्वास प्रस्ताव का समर्थन दिवंगत प्रमुख जे जयललिता और उनको वोट देने वालों को धोखा देने के बराबर होगा।
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पनीरसेल्वम ने एक संदेश में अन्नाद्रमुक विधायकों को कहा कि जयललिता ने उन सब को तैयार किया और एक पहचान दिलाई। उन्होंने द्रमुक का नाम लिए बिना कहा कि जयललिता ने अपनी सेहत का ध्यान नहीं रखते हुए राज्य में परिवार राज की स्थापना नहीं होने पाए इसके लिए राज्यभर का दौरा किया। उन्होंने पार्टी महासचिव वी के शशिकला के 2011 में पार्टी से निकाले जाने का जिक्र करते हुए विधायकों से पूछा कि क्या वह ऐसे निष्कासित व्यक्ति के परिवार राज का सहयोग करेंगे।